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के.जी. नंदा हॉस्पिटल में ऐसे किया जाता है मरीज का इलाज, देखकर आप भी हो जाएंगे दंग

आप भी देख सकते हैं की बिना किसी ओझा तंत्र के माध्यम से किस तरह भटकती हुई आत्मा डॉक्टर के चेंबर में आती है और अपनी बातें पूरा करने पर उसे महिला को परेशान करना छोड़ देती है ।
 

प्रेतआत्मा से छुटकारा के लिए डॉक्टर आत्मा को देते हैं सलवार सूट

डॉ आनंद प्रकाश तिवारी मरीज के इलाज के लिए भूत विद्या का करते हैं प्रयोग

चंदौली  जिले  में रामचरितमानस की यह चौपाई बहुत सटीक बैठती है 'जेहि विधि नाथ होई हित मोरा, करहु सो वेगि दास मैं तोरा' इसका मतलब है कि हे नाथ, जिस तरह भी मेरा हित हो, आप वही शीघ्र कीजिए, हे प्रभु! मैं आपका दास हूँ। यह बात जिले में एक डॉक्टर पर सटीक बैठती है, जो अपने मरीज को संतुष्टि प्रदान करने के लिए तमाम तरह के प्रयोग करते रहते हैं। ऐसी भी चीजें करने से परहेज नहीं करते है, जिसे आज के जमाने में पाखंड या नौटंकी कहा जा सकता है।  इसका वीडियो देखकर आप खुद ही दंग रह जाएंगे ।

बता दें कि चंदौली जिला मुख्यालय स्थित केजी नंदा अस्पताल में एक ऐसा नजारा  सभी लोगों के बीच देखने को मिला । जिसको देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आज भी इस आधुनिक दुनिया के वैज्ञानिक युग में आस्था व विश्वास कहीं ना कहीं जीवित है। जिसका उदाहरण महाकुंभ के बाद यहां भी देखने को मिल रहा है। जिसमें एक महिला के परिजन काफी दिनों से परेशान होकर कई हॉस्पिटलों का चक्कर लगाने के बाद जब केजी नंदा हॉस्पिटल में पहुंची और वहां की संचालक एवं डॉक्टर आनंद प्रकाश तिवारी से मिले तो उनके द्वारा एक ऐसी विधि से इलाज किया गया । जिसका नजारा आप वीडियो के माध्यम से खुद ही देख सकते हैं । जबकि डॉक्टरी के पेसे में कहा जाता है कि भूत प्रेत का कहीं स्थान नहीं होता है लेकिन आयुर्वेद के डॉक्टर आनंद प्रकाश तिवारी जो की स्त्री एवं प्रसूति रोग के विशेषज्ञ हैं। उनके द्वारा इस इलाज को करके महिला के ठीक करने का जो नजारा देखने को मिला, वह कहीं ना कहीं लोगों को आश्चर्यचकित कर देगा ।

आप भी देख सकते हैं की बिना किसी ओझा तंत्र के माध्यम से किस तरह भटकती हुई आत्मा डॉक्टर के चेंबर में आती है और अपनी बातें पूरा करने पर उसे महिला को परेशान करना छोड़ देती है । जिसमें डॉक्टर के चेंबर में उसे आत्मा को नया सलवार सूट का कपड़ा देना पड़ता है । जिसमें आत्मा ने खुद ही बताया कि मेरा एक्सीडेंट 2011 में हुआ था और यह नई दुल्हन के रूप में जा रही थी तो मुझे देखकर डर गई। जिसके कारण मैं इसके शरीर में रहती हूं। मेरी इच्छा है कि एक नया सलवार सूट मिल जाएगा तो मैं इसे छोड़ दूंगी।

Dr Anand Tiwari

इस संबंध में डॉ आनंद प्रकाश  तिवारी का कहना है कि आयुर्वेद में  इलाज की आठ अंग होती है। जिसमें एक अंग भूत विद्या भी है। जिसमें मरीज पर दवा  कोई असर न करने के बाद ऐसे मरीजों का पूजा ,पाठ, हवन उपहार तथा अन्य प्रकार की प्राचीन पद्धतियों के माध्यम से इलाज किया जाता है । जिसे करने के बाद रोग  ठीक हो जाता है। कहीं न कहीं  इसमें ईश्वर का देन है। जिसके कारण मरीज को ठीक करने तथा हमारे आयुर्वेद की  भूत विद्या कारगर है । जिसमें मरीज के मानसिक संतुष्टि के लिए यह भी कार्य किया जाता है। उसी का प्रयोग करके इस महिला को ठीक करने का कार्य किया गया है।

अब आप इसे देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या वैज्ञानिक युग में ऐसे भी कार्य किया जा सकता हैं। जिससे लोगों को संतुष्टि मिल सके और उनका कल्याण हो सके।

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