आशा व संगिनी के जिम्मे गांव की महिलाओं व बच्चों का स्वास्थ्य
जच्चा और बच्चा दोनों रहेंगे स्वस्थ
मातृ- शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए अभियान
आशा प्रसूताओं को मिली है जिम्मेदारी
घर-घर जाकर जच्चा और बच्चा का करना होगा देखरेख
चंदौली जिले में मातृ- शिशु मृत्युदर को रोकने के क्रम में संस्थागत व घरेलू प्रसव के बाद आशा प्रसूताओं की अच्छी तरह से देखभाल करेंगी। घर-घर जाकर जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आशा प्रसूताओं के साथ ही स्वजन को जरूरी टिप्स देंगी। जरूरत पड़ने पर चिकित्सक को भी दिखाएंगी। इसके लिए महानिदेशक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण ने निर्देश दे रखा है।
आपको बता दें कि आज सीएमओ की ओर से इस बाबत चिकित्सा प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं। अब घरेलू प्रसव का खतरा उठा चुकी प्रसूताओं की अधिक देखभाल की जाएगी। संस्थागत प्रसव में पांच बार व घरेलू प्रसव में सात बार प्रसूता के घर आशा दस्तक देंगी। इसके साथ ही उनका फीडबैक भी लेंगी। इन कार्यों की आनलाइन मानीटरिंग होगी।
गांव के हर जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य पर नजर रखते हुए वह रिपोर्ट करेंगी। कमजोर शिशुओं की पहचान कर उनकी मां को स्तनपान कराने के सही तरीके बताएंगी। प्रसूताओं को पौष्टिक आहार पहचानने का तरीका समझाएंगी और उसे नियमित रूप से बच्चों को देने के लिए प्रेरित भी करेंगी। इसके बाबत आशा व संगिनी को जानकारी दी गई है।
इस सम्बन्ध मे डा. वाईके राय मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य की निगरानी के लिए आशा, संगिनी को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें अब मौके पर जाकर कार्य करना होगा। ऑनलाइन मॉनिटरिंग के साथ इसकी सख्त निगरानी की जाएगी ।
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