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खुलासा : फ्री में नहीं, 630 के टिकट का 800 व 685 के टिकट के लिए 900 में लेकर घर आ रहे मजदूर

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर गुजरात के सूरत व मोरावी से आने वाले श्रमिकों ने आरोप लगाया कि रेल प्रशासन द्वारा दिए गए टिकट का मूल्य से अधिक पैसे लिए जा रहे हैं । सभी ने एक सुर से कहा कि 630 रूपए के टिकट का 800 व 685 के टिकट
 
खुलासा : फ्री में नहीं, 630 के टिकट का 800 व 685 के टिकट के लिए 900 में लेकर घर आ रहे मजदूर

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चंदौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर गुजरात के सूरत व मोरावी से आने वाले श्रमिकों ने आरोप लगाया कि रेल प्रशासन द्वारा दिए गए टिकट का मूल्य से अधिक पैसे लिए जा रहे हैं । सभी ने एक सुर से कहा कि 630 रूपए के टिकट का 800 व 685 के टिकट के लिए 900 रुपए की वसूली की जा रही है ।

खुलासा : फ्री में नहीं, 630 के टिकट का 800 व 685 के टिकट के लिए 900 में लेकर घर आ रहे मजदूर

बताते चलें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन पर आने वाली ट्रेन सूरत व मोरावी के श्रमिकों ने रेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि उन्हें रेलवे के जिस काउंटर से टिकट दिया जा रहा है, वहां से उनसे 630 के टिकट के स्थान पर ₹800 की वसूली की जा रही है तथा 685के टिकट का ₹900 लिया जा रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि विरोध करने पर टिकट काउंटर पर तैनात कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि आपके पास यदि पैसे नहीं है तो आपके जगह दूसरे व्यक्ति को भेज दिया जाएगा । इस पर लाचार श्रमिक कुछ भी देकर आने को मजबूर हैं।

एक मजदूर ने कहा कि घर जाने की आस में महीनों से जोह रहा था। अब ₹900 के लिए अगर घर नहीं जाता है.. तो पछताना पड़ेगा।

पंडित दीनदयाल स्टेशन पर उतरे श्रमिकों को देखकर पता चला कि उनके साथ क्या हो रहा है। वहीं तैनात रेलवे कर्मी भी इस मामले को जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए थे ।

इस संबंध में एक श्रमिक ने बताया कि जब मेरे द्वारा 630 के टिकट 800 रुपए में देने का विरोध किया गया तो वहां के लोग उसे धक्का देकर भगाने लगे। उसका टिकट छीनकर दूसरे को टिकट देने की बात करने लगे, जिससे मजबूरी में मनचाहा पैसा देना पड़ रहा है। इसीलिए ₹800 देकर टिकट लेकर मैं यहां तक का सफर किया हूं ।

अब सवाल यह खड़ा होता है कि एक तरफ सरकार द्वारा निशुल्क लाने की घोषणा की गई है और 85 प्रतिशत व 15 प्रतिशत का आंकड़ा भी टीवी चैनलों पर गिनाया जाता है। कांग्रेस व भाजपा के लोग भी किराया देने के नाम पर तरह तरह के दावे कर रहे हैं..पर सच्चाई कुछ और ही है। इसको कौन और कब देखेगा..इसको भगवान ही जानते हैं।

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