चंदौली जिले में केंद्र और राज्य की सरकारें की लगातार ऐसी नीतियों पर काम कर रही हैं, जिससे महंगाई बढ़ती जा रही है। महंगाई का सबसे ज्यादा असर लोगों के किचन और खानपान की वस्तुओं पर पड़ रहा है । किचन का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है । लगातार बढ़ रहे रसोई गैस सिलिंडर के दाम में मंगलवार की रात एकबार फिर 25 रुपये की बढ़त कर दी गई है। वहीं खाद्य तेलों और दालों के बढ़े दाम ने भी आम लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है।
जानकारी के अनुसार सरसों का तेल 150 से 200 रुपये लीटर बिक रहा है, तो अरहर दाल 100 रुपये प्रति किलो पर बनी हुयी है। रसोई गैस सिलिंडर का दाम बढ़कर 888.50 रुपये पर पहुंच गया है। इससे पहले से महंगाई की मार झेल रहे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। छह माह में करीब छह बार सिलिंडर के दाम बढ़े हैं। वहीं खाद्य तेल का दाम भी बढ़कर 150 से 200 रुपये प्रति लीटर और दाल 90 से 100 रुपये पर पहुंच गया ।
रसोई गैस सिलिंडर के दाम बढ़ने से परेशानी भी बढ़ती जा रही है। स्थानीय इलाके की गृहणी गीता सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में आमदनी कम होने और रोजगार में कमी के बाद किचन का बढ़ रहा खर्च परेशानी बढ़ा रहा है।
वहीं जानकी यादव ने बताया कि खाद्य तेल व दालों के बढ़े दाम से पहले ही परेशानी हो रही थी और अब रसोई गैस सिलिंडर के भी दाम बढ़ने से गरीबों की मुश्किल और बढ़ गई है। आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार को महंगाई पर नियंत्रण करना चाहिए।
पूनम श्रीवास्तव का कहना है कि पहले घर में पांच लीटर तेल व दो किलो अरहर का दाल आता था। अब दाम बढ़ने के बाद सरसों का तेल दो लीटर व दाल केवल एक किलो ही आ पा रहा है। इसके बाद सिलिंडर के बढ़े दाम से परेशानी बढ़ गई है।
लगातार बढ़ रही महंगाई पर सुनीता जायसवाल का मानना है कि खाना बनाने के लिए घरों में कोयले व लकड़ी का स्थान अब गैस सिलिंडर ने ले लिया है। इससे गृहिणियों को धुएं से तो छुटकारा मिला है पर अब सिलिंडर के बढ़े दाम से खाना बनाना महंगा हो गया है।
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