...तो क्या डीजल-पेट्रोल व सरसो के तेल के बाद इन दवाओं के बढ़ने लगे हैं दाम
दवाओं के बढ़ने लगे हैं दाम
बढ़ने लगा मरीजों का खर्चा
एक ओर जहां डीजल पेट्रोल व सरसो के तेल की कीमते आसमान छूने लगी हैं तो वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दावे के विपरीत कई दवाइयां भी महंगी होने लगी हैं। ब्लड प्रेशर व शुगर जैसे रोगों के साथ साथ अन्य रोगों से संबंधित जीवन रक्षक दवाओं के दाम बढ़ने से इनके मरीजों को परेशानी उठानी पड़ने लगी है। लोग पानी पी-पीकर सरकार को कोसने का काम कर रहे हैं।
कहा जा रहा था कि कोरोना काल के बाद दवाएं सस्ती होंगी पर स्थिति इसके विपरीत दिख रही है। वास्तविकता यह है कि ये दवाएं सस्ती होने की बजाए महंगी हो गई हैं। बीपी व शुगर सहित अन्य जीवन रक्षक दवाओं के दाम बढ़ने से इनके मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उनकी जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
लोगों का कहना है कि महंगी हुई दवाओं में ब्लड प्रेशर से संबंधित दवाओं के मूल्य में चार से पांच रुपये प्रति 10 गोली या कैप्सूल की बढ़त हुई है। वहीं शुगर (डायबीटिज) की दवा भी महंगी हुई है। वहीं पैरासीटामॉल दवा की कीमत में भी उछाल आया है। दवाओं के दाम बढ़ने से इनका उपयोग करने वाले मरीज व उनके परिजन परेशान हैं।
मरीजों के परिजनों का कहना है कि कोरोना काल में आमदनी कम होने के बावजूद महंगी दवाएं खरीदना उनके लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। तब भारत व प्रदेश की सरकार ने दावा किया था कि कोरोना संक्रमण के काबू में आने के बाद जीवन रक्षक दवाओं के मूल्य में कमी की जाएगी पर अब तक ऐसा नहीं हो सका है। सरकार इसके लिए कोई प्रयास भी नहीं कर रही है।
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