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चंदौली रोहिताश पाल हत्याकांड: महीने भर बाद भी शूटर फरार, क्या नाकाम साबित हो रही हैं पुलिस की 9 स्पेशल टीमें ?

चंदौली के दवा व्यवसायी रोहिताश पाल की हत्या को एक महीना बीत चुका है। साजिशकर्ता तो सलाखों के पीछे हैं, लेकिन कत्ल करने वाले शूटर अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। आखिर 9 स्पेशल टीमों के बावजूद पुलिस के हाथ खाली क्यों हैं? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

 
 

रोहिताश पाल हत्याकांड के शूटर एक महीने बाद भी फरार

पुलिस कप्तान की 9 स्पेशल टीमें अब तक रही नाकाम

साजिशकर्ता जेल में लेकिन मुख्य कातिल पुलिस की पहुंच से बाहर

चंदौली पुलिस की कार्यप्रणाली पर जनता उठा रही गंभीर सवाल

चंदौली जिले के प्रमुख दवा व्यवसायी रोहिताश पाल हत्याकांड को एक माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन पुलिस अब तक शूटरों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस अधीक्षक आदित्य लांघे के निर्देश पर शूटरों की तलाश में स्पेशल 09 टीमें लगाई गईं। इन टीमों में जिले के काबिल पुलिसकर्मियों के साथ-साथ कुछ पुराने और अनुभवी पुलिसकर्मियों की भी मदद ली गई। बावजूद इसके, अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं।

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घटना के बाद लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला था। इसके दबाव में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए साजिशकर्ताओं की तलाश में तीन व्यापारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इससे भले ही तत्काल जनआक्रोश कुछ हद तक शांत हो गया, लेकिन शूटरों को लेकर लोगों के मन में उठ रहे सवाल आज भी सुलग रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब साजिशकर्ता जेल में हैं, तो हत्या को अंजाम देने वाले शूटर अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर कैसे हैं।

जिले में यह पहली बार नहीं है जब किसी हत्याकांड का खुलासा नहीं हो पाया हो। बीते वर्षों में कई सनसनीखेज हत्याएं आज भी फाइलों में दबी हुई हैं। जून 2024 में एसपी आदित्य लांघे के कार्यभार संभालने के बाद 10 अगस्त 2024 को मुगलसराय के चंदासी पुलिस चौकी के सामने सड़क के दूसरी ओर बाइक मिस्त्री ओमप्रकाश गुप्ता की चलती बाइक पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद उस मामले में भी शूटरों का कोई सुराग नहीं मिल सका।

इसी तरह 17 सितंबर 2025 को मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के मोहम्मदपुर गांव में 65 वर्षीय चमौली देवी की ईंट से कुचलकर हत्या, 25 मई 2024 को अलीनगर के तारापुर फाटक पर चाय विक्रेता की हत्या, 22 सितंबर 2025 को अलीनगर बौरी पुलिया पर आंसू विश्वकर्मा का शव मिलना, रेउसा नहर में दीपक पांडे की गला घोंटकर हत्या और सितंबर 2023 में नौगढ़ में सूटकेस में मिली अज्ञात युवती की लाश.ये सभी मामले आज भी अनसुलझे हैं।

रोहिताश पाल हत्याकांड में पुलिस ने करीब 300 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जिनमें कई जगह शूटर दिखाई भी दिए, लेकिन शातिर हत्यारे हर बार पुलिस को चकमा देने में सफल रहे। यहां तक कि उत्तर प्रदेश की तेज-तर्रार मानी जाने वाली एसटीएफ भी शूटरों तक पहुंचने में नाकाम रही।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सवाल सिर्फ एक हत्या का नहीं, बल्कि जिले में कानून-व्यवस्था और अपराधियों के बढ़ते हौसले का है। कप्तान साहब से लोग पूछ रहे हैं—आखिर कब खुलेंगी ये हत्याएं और कब मिलेगा पीड़ित परिवारों को न्याय।

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