चोरी की गाड़ियों को बेचने के लिए दिया जाता है नया रजिस्ट्रेशन नंबर, जानिए कौन है शामिल
चंदौली जनपद में अभी तक आपने यह सुना था कि यह एआरटीओ कार्यालय के आसपास या उत्तर प्रदेश बिहार की सीमा पर फर्जी डीएल और वाहनों के कागजात बनाने वाले फ्रॉड काम करते हैं और कई बार पुलिस ने इनको दबोच कर इन का भंडाफोड़ भी किया है, लेकिन चोरी के वाहनों को नया रजिस्ट्रेशन नंबर देकर उसे ठिकाने लगाने का काम भी चंदौली और वाराणसी जनपद के आसपास बहुत तेजी से किया जा रहा है।
इस मामले में चंदौली पुलिस ने मध्यप्रदेश के भोपाल, देवास और उज्जैन में कार चोरी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसने के बाद इस बात का पता लगाया है कि वाराणसी चंदौली और बिहार के वाहन चोर इस मामले में खास तौर पर सक्रिय हैं और चोरी की गाड़ियों को ठिकाने लगाने का काम करते हैं।
चंदौली जिले की क्राइम ब्रांच की टीम में वाराणसी जिले के आरटीओ कार्यालय पर तैनात बाबू से जब 6 घंटे की पूछताछ की तो उसमें उसके एक और सहयोगी का नाम सामने आने लगा है । यह सारे लोग चोरी की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नंबर बदलने का काम पैसे की लेनदेन करके किया करते हैं। वाहनों की चोरी के मामले में इस तरह का सुराग मिलने के बाद चंदौली जिले की पुलिस और भी गहनता से जांच पड़ताल कर रही है और माना जा रहा है कि जल्द ही पुलिस वाराणसी, चंदौली और बिहार के आसपास चल रहे चोरी के वाहनों के खेल का खुलासा करेगी।
पुलिस के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जांच की जा रही पूछताछ से पता चला है कि चोरी की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर बदलकर उन्हें बेच दिया जाता है और इस काम में आरटीओ ऑफिस के लोग साझीदार होते हैं। उन्हें इसके बदले मुंह मांगी रकम दी जाती है ।
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इस बारे में चंदौली जिले के क्राइम ब्रांच के प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने कहा है कि वाहन चोरी के मामले में तफ्तीश की जा रही है और इसमें कई टीमें पहले से लगी हुई हैं। हर दिन कोई न कोई सुराग हाथ लग रहा है । जल्द ही गिरोह को पकड़ते हुए एक बड़ा खुलासा किया जाएगा।
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