चंदौली जिले में फरियादियों से अच्छा व्यवहार न करने वाले और अपराध रोकने में अक्षम निरीक्षकों को अब थाने और कोतवाली की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। जिले के 50 फीसदी थाने व कोतवाली की कमान शारीरिक दक्षता, कार्यकुशलता व व्यवहारिकता में निपुण उप निरीक्षकों को सौंपी जाएगी। अपर मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी होने के बाद एसपी ने इसकी समीक्षा शुरू कर दी है।
बताते चलें कि अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने 12 जुलाई को पत्र जारी कर कहा है कि 2018 में जिले में दो तिहाई थानों में निरीक्षक व एक तिहाई थानों में उप निरीक्षकों को थानाध्यक्ष बनाने का शासनादेश जारी किया गया था। अब इसमें संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत थानाध्यक्ष के रूप में निरीक्षक व उप निरीक्षकों की तैनाती उनकी योग्यता, कर्मठता, कार्य कुशलता, सत्यनिष्ठा व व्यवहारिक दक्षता के आधार पर की जाएगी। इससे उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा और पुलिसिग में भी सुधार होगा।
आप को बता दें कि थानों में फरियादियों से अच्छा व्यवहार न किए जाने व अपराध नियंत्रण पर ध्यान न देने की शिकायतें शासन को मिल रही थीं। इसके दृष्टिगत पूर्व में जारी हुए शासनादेश में बदलाव किया गया है। एक तिहाई के बजाय अब पचास फीसद थानों में योग्य उपनिरीक्षकों की तैनाती की जाएगी।
एसपी अमित कुमार ने बताया कि अपर मुख्य सचिव के आदेश पर जिले के सभी 16 थानों की समीक्षा की जा रही है। आवश्यक होने पर पचास प्रतिशत थानों में उपनिरीक्षकों की तैनाती किए जाने का प्रावधान किया गया है। जिन थानों में ऐसा करना आवश्यक होगा उनमें अमल किया जाएगा।
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