चंदौली जिले में सन 2018 के धान क्रय केंद्र के मामले में 6 उप निरीक्षकों को लाइन हाजिर किए जाने के मामले में इस समय पुलिस महकमे में पूरा हड़कंप मचा हुआ है ।
वहीं पुलिस महकमा में इस मामले से खेद भी दिख रहा है। क्योंकि 2018 में धान क्रय केंद्र के मामले में जो 8 स्थानों के अंतर्गत क्रय केंद्र संचालकों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज हुआ था उसमें 7 साल से कम की सजा होने के कारण किसी को जेल नहीं भेजा गया। और ना ही नोटिस जारी की गयी । जो की कानून में ऐसी विधि पहले से ही प्रचलित है ।
क्योकि इस मामले में पीआईएल दाखिल होने के बाद कोर्ट के निर्देश पर इस समय तैनात हलका इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया है। जिनके द्वारा इस मामले में चार्ज सीट लगाई गई । जिसमे इन उपनिरीक्षकों का दोष ही नहीं बनाता है । वह गुनहगार भी नहीं हैं । ऐसे दरोगा अपने को एक दूसरे के अपराध का भुक्तभोगी मांग रहे हैं।
ऐसे में इन उप निरीक्षकों का मानना है कि मेरे द्वारा की गयी विवेचना के बाद भी दूसरे के कर्मों का दंड हमें मिला है । वह सरासर गलत है । जिसके लिए हम उप निरीक्षक कोर्ट की शरण लेकर अपने पक्षों को भी रखेंगे ।
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