शिक्षक नेता सुरेश कुमार त्रिपाठी की अपील, 6 और 8 जुलाई को होगा राज्यव्यापी आंदोलन

सरकारी स्कूलों के मर्जर के खिलाफ शिक्षकों का बिगुल
6 और 8 जुलाई को राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी
माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने लिखा खुला पत्र
उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार द्वारा कम बच्चों वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) के फैसले के खिलाफ अब शिक्षक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ और उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस निर्णय को शिक्षा के निजीकरण की साजिश करार देते हुए 6 और 8 जुलाई को दो चरणों में आंदोलन की घोषणा की है।

शिक्षक संगठनों का एकजुट विरोध
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के संयोजक और माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने इस आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। उन्होंने प्रदेश भर के शिक्षक प्रतिनिधियों, जिला अध्यक्षों, मंडलीय मंत्रियों और संरक्षक मंडल के सदस्यों से आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की अपील की है।

गरीब छात्रों के भविष्य पर संकट
अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि विद्यालयों का मर्जर न केवल लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरुद्ध है, बल्कि इससे गरीब और ग्रामीण तबके के छात्र शिक्षा से वंचित हो सकते हैं। उन्होंने चेताया कि इस निर्णय से हजारों प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त हो जाएंगे और मध्यान्ह भोजन योजना से जुड़ी रसोइयों की आजीविका भी खतरे में पड़ जाएगी।
आंदोलन की रूपरेखा
6 जुलाई, 2025: दोपहर 1 बजे से ट्विटर/एक्स पर #SavePrimarySchool जैसे हैशटैग के साथ सोशल मीडिया अभियान चलाया जाएगा, ताकि व्यापक जनसमर्थन जुटाया जा सके।
8 जुलाई, 2025: सभी जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
निजीकरण के विरुद्ध एकजुटता की पुकार
अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने इस फैसले को शिक्षा के निजीकरण की दिशा में एक खतरनाक कदम बताया और कहा कि अब समय आ गया है कि सभी शिक्षक संगठन एक स्वर में इसका विरोध करें। उन्होंने ‘जय शिक्षक संगठन’ और ‘शिक्षक एकता जिंदाबाद’ के नारों के साथ सभी शिक्षकों से एकजुट होने की अपील की।
क्या सरकार सुनेगी शिक्षकों की आवाज़
अब निगाहें सरकार की ओर हैं कि वह इस व्यापक विरोध को कैसे लेती है। क्या शिक्षकों की एकता और छात्रों के भविष्य की चिंता सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए बाध्य करेगी? यह आने वाला समय बताएगा।
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