उत्सव के रूप में मनाया जा रहा मिशन शक्ति का तीसरा चरण, दिसंबर तक चलेंगे कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश में महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के लिए अगस्त से दिसंबर तक मिशन शक्ति का तीसरा चरण उत्सव के रूप में मनाया जाएगा । प्रदेश का महिला एवं बाल विकास विभाग तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग पुनः संयुक्त कार्ययोजना के माध्यम से मिशन में प्रतिभाग करेगें ।
मिशन शक्ति के विशेष आर्कषण होंगें ‘‘स्वावलंबन कैम्प” जो हर 15 दिन पर आयोजित होंगे । इसके जरिये लाभार्थी को किसी योजना का लाभ लेने के लिए दफ्तरों या अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे । 12 अगस्त को पहले स्वावलंबन कैम्प का आयोजन कर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, जैसे- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित पेंशन योजना तथा उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना आदि में लाभान्वित किये जाने वाले परिवारों, महिलाओं व बच्चों के आवेदनों की समस्त कार्यवाही इन वन विंडो कैम्पस के माध्यम से वहीं पूरी की जायेगी ।
इसके लिए शासन द्वारा समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि कैम्पो का आयोजन उनकी निगरानी में हो । शिविर में सभी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहेंगे ताकि योजनाओं के आवेदन, सत्यापन तथा स्वीकृतियां एक दिवस में ही पूरी कर आवेदन की प्रक्रिया तत्काल पूर्ण कर ली जाये । इन शिविरों को आयोजित करने के पहले जनप्रतिनिधियों तथा क्षेत्रों के प्रभावशाली व्यक्तियों से विभाग संपर्क कर उनकी सहभागिता सुनिश्चित करेगा ।
शिविरों में अधिक से अधिक महिलाओं तथा बच्चों की भागीदारी के लिए ग्राम प्रधानों की मदद ली जाएगी । शिविरों के ठीक एक दिन पहले ग्राम प्रधान ग्राम बाल संरक्षण समिति की बैठक करेंगे । इन बैठकों में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित पेंशन योजना तथा उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थी परिवारों को चिन्हित कर इन योजनाओं की जानकारी देते हुये ‘‘स्वावलंबन कैम्प‘‘ तक पहुँचाने की तैयारी की जायेगी । कन्या जन्मोत्सव, रक्षा उत्सव और ‘हक़ की बात जिलाधिकारी के साथ’ जैसी तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा ।
महिला कल्याण विभाग के जिला प्रोवेजन अधिकारी इन्द्रावती तिवारी ने बताया कि अगस्त से दिसम्बर तक हर माह आयोजित होने वाली अलग-अलग गतिविधियों की विस्तृत कार्ययोजना बनाकर जिले को प्राप्त करा दी गई है । सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को एक अलग पहचान मिली है, इसी सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री के आह्वान पर मिशन शक्ति का तीसरा चरण शुरू किया गया है ।
कार्ययोजना के मुताबिक़ सात अगस्त को ‘हक़ की बात-जिलाधिकारी के साथ’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसके तहत यौन हिंसा, लैंगिक असमानता, घरेलू हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या, कार्यस्थल पर लैंगिक हिंसा व दहेज़ हिंसा जैसे मुद्दों पर संरक्षण, सुरक्षा तंत्र, सुझाव व सहायता के लिए दो घंटे के पारस्परिक संवाद का आयोजन किया गया । जनपद स्तर पर यह कार्यक्रम ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से जिलाधिकारी के नेतृत्व एवं ब्लाक व ग्रामसभा स्तर पर अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में इसका आयोजन किया जाएगा ।
11 अगस्त को ‘कन्या जन्मोत्सव’ का आयोजन होगा जिसके तहत किसी भी सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाली बालिकाओं के जन्मोत्सव का आयोजन किया जाएगा और मां व बेटी को उपहार प्रदान किये जायेंगे । इसके साथ ही जनपद में जन्म लेने वाली बालिकाओं की संख्या के बराबर वृक्षारोपण कर बालकों व पुरुषों को उन वृक्षों के संरक्षण का दायित्व सौंपकर ‘पुरुषों की सहभागिता’ सुनिश्चित की जायेगी।
मिशन शक्ति-3 के तहत अगस्त के तीसरे सप्ताह में ‘मेगा इवेंट - ‘रक्षा उत्सव’ का आयोजन किया जाएगा । इसके तहत बच्चों तथा महिलाओं को विभिन्न प्रकार की हिंसा से बचाव सम्बन्धी हाट-बाजार आदि सार्वजानिक स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन कर जन सामान्य को जागरूक किया जाएगा । ‘बेटियों से पहचान’ थीम पर ग्राम, ब्लाक व जनपद स्तर पर जन-जागरूकता करते हुए परिवारों तथा दुकानदारों आदि को जागरूक किया जायेगा ताकि वह अपने घरों व दुकानों को अपने परिवार की महिलाओं व बेटियों के नाम पर पहचान दें ।
सितम्बर माह में कानूनी जागरूकता अभियान चलाया जायेगा जिसमें बच्चों तथा महिलाओं के प्रति हिंसा से सम्बंधित विभिन्न कानूनों तथा अन्य प्रावधानों जिनमें कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन शोषण, घरेलू हिंसा, नशे में मारपीट, छेड़खानी, बलात्कार, यौन हमला, यौन शोषण, यौन दुव्र्यवहार, एसिड अटैक, साइबर क्राइम आदि पर जागरूकता अभियान संचालित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त 16 सितम्बर को मेगा इवेंट-‘‘प्रधान सम्मेलन‘‘ और 28 सितम्बर को महिलाओं तथा बच्चों से संबंधित विभिन्न विषयों पर ग्राम सभा स्तर पर ‘‘नुक्कड़ नाटकों‘‘ का आयोजन किया जायेगा।
पांच अक्टूबर को प्रदेश की समस्त ग्रामसभाओं में डिजिटल या एनलॉग ‘गुड्डा-गुड्डी बोर्ड’ की स्थापना होगी, जिसकी तैयारी पूर्व से ही कर ली जाये ऐसे निर्देश शासन द्वारा जारी कर दिये गये हैं । अक्टूबर माह में ही मेगा इवेंट-‘‘नायिका” का आयोजन किया जायेगा, जिसमें बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा विभिन्न जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका व दायित्वों का सांकेतिक निर्वहन किया जायेगा।
मिशन शक्ति-3 के तहत नवम्बर में अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस के अवसर पर मेगा इवेन्ट ‘‘मेधावी छात्राओं तथा जेन्डर चैम्पियन का सम्मान” कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक जनपद द्वारा हाईस्कूल व इंटर की 10-10 मेधावी छात्राओं को 5000-5000 रूपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा । 12वीं कक्षा में जनपद में प्रथम स्थान पर परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली शीर्ष छात्रा जिसने आगे की पढ़ाई जारी रखी हो को 20 हजार रूपये का नकद पुरस्कार दिया जायेगा। इसके साथ ही जेंडर चैम्पियंस तथा खेलों, विशिष्ट कलाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली कम से कम 10 महिलाओं, 10 बालिकाओं व 10 बालकों को नकद पुरस्कार दिये जायेंगे।
दिसम्बर में मेगा ईवेन्ट ‘‘अनंता‘‘ के अंतर्गत समाज में बदलाव लाने वाली प्रेरक महिलाओं तथा बालिकाओं का सम्मान होगा । उनकी कहानियों को जनपद स्तर पर टीवी, रेडियो, एफएम, टाक शो, गोष्ठियों, अखबार आदि के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाया जायेगा । दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में ‘‘सुरक्षा एक्सप्रेस” के जरिये महिलाओं तथा बच्चों के मुद्दों तथा उनके प्रति हिंसा से रोकथाम पर जागरूकता हेतु जनपदों द्वारा ‘‘मोबाइल एलईडी वैन” के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जायेगा।
इसके अतिरिक्त मिशन के दौरान महिला कल्याण विभाग के अंतर्गत महिलाओं तथा बच्चों हेतु संचालित समस्त राजकीय गृहों के भवनों का जीर्णोद्धार सुनिश्चित करने के निर्देश शासन द्वारा जारी किये गये हैं । जिन गृहों में क्षमता के सापेक्ष संवासियों की संख्या अधिक है या पर्याप्त स्थान नहीं है उन संस्थाओं को अन्यत्र उचित भवनों में स्थानांनतरित करते हुये तत्काल सुव्यवस्थित की जायेगी । भवनों में वेंटीलेशन की व्यवस्था, खेल, मनोरंजन, योग, कौशल विकास, शिक्षा, शौच आदि हेतु पर्याप्त स्थान सुनिश्चत किये जायेंगे ।
बी एल यादव ने कहा कि ‘‘मिशन के पहले चरण में हमने जन-सामान्य को जागरूक करने की कोशिश की और आने वाले चरण में हमारा फोकस है कि हम जन-सामान्य तक स्वयं पहुंचकर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करें । महिला कल्याण विभाग दिसंबर तक इन योजनाओं में लगभग 8 से 10 लाख नये लाभाथियों को जोड़ने हेतु प्रयासरत् है ।
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