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गर्मी में झुलसी सब्जी की फसलें, 50% तक महंगी हुई हरी सब्जियां, जनता की जेब पर पड़ रहा सीधा असर

पैदावार कम होने के कारण जिले में हरी सब्जियों का हमेशा कमी बनी रहती है। इस कारण पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर सहित आसपास के छोटे-बड़े बाजारों में परवल गाजीपुर व बलिया से मंगाया जा रहा है।
 

सब्जियों के दाम में 15–20 दिन में 50% तक की भारी बढ़ोत्तरी

गंगा तटवर्ती क्षेत्रों में पैदावार घटने से स्थानीय आपूर्ति प्रभावित

बाहरी जिलों और शहरों से हो रही सप्लाई

व्यापारी व खरीदार दोनों हैं परेशान

चंदौली जिले में सामान्य दिनों की अपेक्षा हरी सब्जियों के भाव में 50 प्रतिशत से अधिक का उछाल आया है। सब्जियों के भाव में यह उछाल 15 से 20 दिनों में अंदर देखने को मिला है। महंगाई का असर सीधे आम जनता की जेब पर पड़ रहा है। जिला प्रशासन को इसकी कोई परवाह नहीं है। उधर, सब्जी के थोक व फुटकर विक्रेताओं का कहना है कि गाजीपुर, बलिया, सीतापुर, इटावा, बैंगलुरू व रांची से हरी सब्जियां आ रही है। आवक कम होने के साथ भाव काफी टाइट हो गया है। इस कारण सब्जियों के मूल्य में उछाल देखने को मिल रहा है।

vegetable price

हालांकि, भीषण गर्मी व तेज धूप की मार किसान भी झेल रहे हैं। जहां एक सप्ताह पहले टमाटर 20 रुपये प्रति किलो बिका। वहीं अब 50 रुपये प्रति किलो है। करीब 20 दिनों से लगातार 40 डिग्री से ऊपर तापमान रहने के कारण सब्जी की फसलें झुलस गई हैं। इसके कारण ठेले व थोक मंडियों में लगभग 50 प्रतिशत सब्जियां मंहगी विकी हैं। उधर, छोटे किसानों को अब बागवानी भी महंगी पड़ रही है। फल के पेड़ों में भी महंगाई खूब है। आम, अमरूद, आंवला व नींबू जैसे पौधों की कीमतों में इजाफा हुआ है। स्थानीय पैदावार से नहीं हो पा रही पूर्ति, बाहर से मंगाई जा रही सब्जियां गंगा के तटवर्ती इलाकों में कुछ सब्जियों की पैदावार की जाती है।

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लेकिन, पैदावार कम होने के कारण जिले में हरी सब्जियों का हमेशा कमी बनी रहती है। इस कारण पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर सहित आसपास के छोटे-बड़े बाजारों में परवल गाजीपुर व बलिया से मंगाया जा रहा है। सीतापुर से करैला, इटावा से बैगन, रांची से फूलगोभी, नेनुआ, कोहड़ा मीरजापुर व सोनभद्र से आवक है। जबकि बाराबंकी से हरा मिर्च, बैंगलुरू से टमाटर, अदरक व सूरन आ रहा है। इटावा से शिमला मिर्च की आवक है। इतने दूर से सब्जियों के आने के कारण महंगाई की मार झेलनी पड़ती है।

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लोगों का कहना है कि गर्मी के दिनों में सब्जियों की आमद बाहर से होती है। यही वजह रहती है कि सब्जी के दाम बढ़ जाते हैं। अगर गर्मी इस तरह चरम पर रही तो आने वाले दिनों में दाम में और इजाफा हो सकता है।-
सब्जी विक्रेता का कहना है कि बीस दिन पहले सब्जी के दाम में कुछ कमी थी, लेकिन तीखी धूप की वजह से दाम में बढ़ोत्तरी हुई है। लोग जहां एक किलो की खरीदारी करते थे, अब एक पाव या आधा किलो ही खरीद रहे हैं। इससे कारोबार पर असर पड़ रहा है।
एक घरेलू महिला ने कहा कि गर्मी के मौसम में सब्जियों का भाव आसमान छू रहा है। इस समय सबसे महंगा सब्जी टमाटर जो की 60 किलो खरीदा गया है। वहीं धनिया पुदीना भी अब महंगा होने लगा है। ऐसे में कोई खाए तो क्या खाए।

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