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पति की मौत के बाद विधवा महिला की न्याय की गुहार, रसूखदार को बचाने में जुटी पुलिस

विधवा महिला शबाना ने कहा कि पुलिस न केवल सबूतों की अनदेखी कर रही है, बल्कि मामले की जांच को कमजोर करने में भी लगी हुई है।
 

पति रमजान उल्ला खान की सड़क हादसे में हो चुकी है मौत

स्कॉर्पियो सवार रसूखदार को बचाने की हो रही कोशिश

सपा नेता मनोज सिंह ने पीड़िता की मदद का दिया भरोसा 

चंदौली जनपद इन दिनों एक दिल दहला देने वाले और संवेदनशील मामले को लेकर चर्चा में है। झांसी जनपद से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तय करके एक विधवा शबाना न्याय की गुहार लगाने के लिए चंदौली पहुंची है। ताकि उसको न्याय मिल सके। सरकारी महकमे की लीपापोती देखने के बाद सपा नेता मनोज सिंह पीड़िता के संघर्ष में हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है और पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया है। 

Manoj Singh w

महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति रमजान उल्ला खान की मौत एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो वाहन से कुचले जाने के कारण हुई थी। लेकिन, जांच अधिकारी इस मामले को दबाने और उसमें लीपापोती करने में जुटे हुए हैं। आरोप है कि पुलिस ने हादसे को मोटरसाइकिल से टक्कर की घटना दिखाकर, स्कॉर्पियो सवार रसूखदार को बचाने की कोशिश की है।

पीड़िता के अनुसार, उसके पति रमजान उल्ला खान सैमसंग कंपनी में काम करते थे और वह चंदौली जिले के सैयदराजा थाना क्षेत्र के जेठमलपुर गांव में रहते थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, रमजान उल्ला खान की मौत एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो की चपेट में आने से हुई थी। घटना के बाद पुलिस ने मोटरसाइकिल की टक्कर के आरोप लगाए, जबकि गांव के लोगों का कहना है कि स्कॉर्पियो सवार ने जानबूझकर रमजान उल्ला को कुचल दिया था।

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इतना ही नहीं, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब वाहन से घायल व्यक्ति को देखा गया, तो एक पुलिस कर्मी गाड़ी से बाहर निकला और मृतक को देखकर वहां से चला गया। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि वह पुलिस कर्मी एक गनर था, और गाड़ी में कोई बड़ा नेता बैठा था, जिसकी वजह से पुलिस मामले में लीपापोती करने की कोशिश कर रही है। यह पूरी घटना न केवल पीड़िता के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय बन चुकी है।

विधवा महिला शबाना ने कहा कि पुलिस न केवल सबूतों की अनदेखी कर रही है, बल्कि मामले की जांच को कमजोर करने में भी लगी हुई है। महिला का कहना है कि वह अपने पति की मौत के बाद गहरे सदमे में है और अब तक न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। उसने अधिकारियों से कई बार संपर्क किया और आवेदन दिया है, लेकिन अब तक उसे कोई ठोस जवाब या राहत नहीं मिली है।

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इस मामले की गंभीरता को देखते हुए समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक, मनोज सिंह डब्लू, ने भी उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ईमानदारी से जांच करती, तो दोषी को सजा मिल चुकी होती। उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करने का वादा किया और इसे एक लड़ाई की तरह लड़ा जाने का संकल्प लिया है।

यह मामला केवल एक सड़क दुर्घटना का नहीं, बल्कि न्यायिक प्रणाली और प्रशासनिक संवेदनशीलता की असली परीक्षा बन चुका है। अब यह देखना बाकी है कि क्या पीड़िता को आखिरकार न्याय मिलेगा या फिर यह मामला प्रशासन की लापरवाही का शिकार होकर फाइलों में दबकर रह जाएगा।

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