कौन देखेगा चहनियां इलाके की बदहाल इन सड़कों का हाल, कब तक झेलती रहेगी जनता
क्षतिग्रस्त सड़कों का सुध लेने वाला कोई नहीं है।
अधिकतर सड़कें खस्ताहाल पड़ी हुई हैं,
सैदपुर-चन्दौली की मुख्य सड़क अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है
चंदौली जिले के चहनियां क्षेत्र में अधिकतर सड़कें खस्ताहाल पड़ी हुई हैं, लेकिन क्षतिग्रस्त सड़कों का सुध लेने वाला कोई नहीं है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग केवल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं और अपनी सरकार की योजनाओं का गुणगान करते हैं। उन्हें जनता की परेशानी से कोई लेना-देना नहीं होता।
बताते चलें कि अगर आप चहनिया से चंदौली जाने वाले मुख्य सड़क को देखेंगे तो आपको इस विधानसभा की स्थिति का अंदाजा लग जाएगा। इस सड़क के लिए कई बार लाखों करोड़ों की योजनाओं की चर्चा हुई, लेकिन सड़क कब बनेगी और कैसे बनेगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव से पहले गड्डा मुक्त सड़कों का दम्भ भरने वाली सूबे की सरकार के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। केवल जनता को खुश करने के लिए सड़कों के किनारे सीमांकन कराया जाता है। लेकिन धरातल पर सब शून्य नजर आता है।
जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली सैदपुर-चन्दौली की मुख्य सड़क अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है, लेकिन सम्बंधित अधिकारी और जनप्रतिनिधि मानो कुम्भकर्णी निद्रा में लीन हैं।
सैदपुर घाट से लगायत मझिलेपुर तक सड़क की स्थिति नारकीय हो चुकी है। आये दिन सड़कों पर, नाले का गंदा पानी जमा हो जाता है, जिससे राहगीरों को आवागमन में भारी फ़जीहत झेलनी पड़ती हैं। लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि या विभागीय अधिकारी इन जर्जर सड़कों की सुध लेने के लिए तैयार ही नहीं है।
वहीं बाजारवासियों का कहना है कि वर्तमान सरकार पिछले 2 वर्षों से सड़क चौड़ीकरण की खबर चला रही है, लेकिन धरातल पर अभी तक कोई कार्य आरंभ होता दिखाई नहीं पड़ रहा है।
वहीं क्षेत्र की दर्जनों सड़कें बदहाली की कगार पर पहुँच चुकी हैं। क्षतिग्रस्त सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने से राहगीर आये दिन गिरकर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। अगर समय रहते इन सड़कों का मरम्मत नही कराया गया तो बड़ी दुर्घटना के घटित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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