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रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में सुनायी गयी कृष्ण की बाल-लीला

चंदौली जिले के कमालपुर रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन शुक्रवार की रात वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज के द्वारा भगवान कृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन किया गया
 

कमालपुर रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा

आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भगवान बड़े दयालु हैं

चंदौली जिले के कमालपुर रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन शुक्रवार की रात वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज के द्वारा भगवान कृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। कहा कि पूतना जैसी राक्षस  भगवान को मारने के लिए भगवान आए थे, लेकिन भगवान ने उस राक्षसी को भी मात्र गति प्रदान किया।

आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भगवान बड़े दयालु हैं। जो भगवान को भजता  है,  भगवान उसकी भक्ति को देखते हैं और स्वीकार करते हैं। भगवान भाव के भूखे हैं। बड़े-बड़े राक्षस भगवान को मारने के लिए गए, लेकिन भगवान ने सब को सद्गति प्रदान की। 

आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण ब्रजभूमि में मुख्य रूप से तीन लीला करने के लिए अवतार लेते हैं। पहली लीला माखन चोरी लीला, दूसरी लीला गोचरण लीला और तीसरी लीला महारास लीला।  भगवान अपने भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। ब्रज वासियों की रक्षा करने के लिए जब इंद्र के द्वारा मूसलाधार वृष्टि कराई गई तो भगवान ने गिरिराज पर्वत को धारण किया। भगवान अपने भक्तों के अधीन है। भगवान का एक ही उद्देश्य है कि जो मेरी भक्ति करें। उसके जीवन में कभी कोई दुख ना आए। इसलिए भगवान को जो सच्चे मन से  भजता है, जो भागवत की कथा श्रवण करता है, उसे भगवान की प्राप्ति होती है।

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