जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

सकलडीहा पीजी कॉलेज में स्वामी विवेकानंद की जयंती, सेमीनार का भी आयोजन

 प्रोफेसर शमीम राइन ने अपने उद्बोधन में कहा कि-स्वामी विवेकानंद अद्वैत वेदांत के समर्थक थे। उनके दर्शन का महत्वपूर्ण स्रोत वैदिक परंपरा एवं वेदांत थे।
 

 युवाओं से विवेकानंद के विचारों को अपनाने की अपील

कई शिक्षकों ने रखे अपने अपने विचार

छात्र छात्राओं ने भी किया प्रतिभाग

चंदौली जिले के सकलडीहा महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की 160वीं जन्म जयंती को  युवा दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान स्वामी विवेकानंद जी के सूक्ति वाक्य-उत्तिष्ठत, जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधता- के विषय पर एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रदीप कुमार पांडेय किया। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर पीके सिंह रहे। 
इस गोष्ठी में महाविद्यालय के कला संकाय एवं शिक्षण संकाय के छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा अपने विचार प्रस्तुत किए। इस दौरान प्रीति कुमारी, नियामक अंसारी, विनोद विश्वकर्मा राहुल राजभर सहित तमाम छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

YUVA DIWAS

 गोष्ठी के प्रमुख वक्ता समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉक्टर दयाशंकर यादव ने विवेकानंद जी के सामाजिक विचारधारा को अपनाने पर बल दिया, जिनमें उन्होंने कहा था कि देश और समाज की उन्नति में खेतों से खलिहानों से संभव है। 

 प्रोफेसर शमीम राइन ने अपने उद्बोधन में कहा कि-स्वामी विवेकानंद अद्वैत वेदांत के समर्थक थे। उनके दर्शन का महत्वपूर्ण स्रोत वैदिक परंपरा एवं वेदांत थे। वह पक्के वेदाअनुगामी के साथ-साथ पूरे पुराण में विश्वास रखते थे। उन्होंने दयानंद सरस्वती की तरह स्वामी विवेकानंद ने भी वेद तथा वेदांत की धारणा के माध्यम से भारतीय संस्कृत के गौरव को प्रतिष्ठित किया एवं संसार के सामने भाषा साहित्य ज्ञान विज्ञान इतिहास धर्म तथा संस्कृति के क्षेत्र में भारत को अन्य देशों की अपेक्षा उत्तम तथा समृद्ध दर्शाया तथा सब में समभाव रखते थे।

YUVA DIWAS

प्रोफेसर प्रदीप कुमार पांडेय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विवेकानंद से संबंधित मार्मिक कथाओं के माध्यम से युवाओं को प्रेरित किया जा सकता है। अमेरिका में सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वामी विवेकानंद की सालों पहले कही गई बातें ऐसी हैं कि निराश व्यक्ति भी अगर उसे पढ़े तो उसे जीवन जीने का एक नया मकसद मिल सकता है। उनकी कही गयी बातों पर यदि आप 2 मिनट विचार करेंगे, तो जीवन से संबंधित कई समस्याओं का हल चुटकियों में मिल जाएगा। दिल और दिमाग के टकराव में हमेशा दिल को महत्व देना चाहिए। एक समय में एक काम करो और करते वक्त सब भूल उसी में डूब जाओ। उन्होंने छात्रों से उनके सूक्ति वाक्य उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य हासिल ना हो जाए को अपने जीवन में मंत्र बना उस पर चलने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में बीएड विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राजेश कुमार यादव, डॉ अजय कुमार यादव, भूगोल विभाग अध्यक्ष, डॉ संदीप सिंह, डॉ उदय शंकर झा, डॉक्टर महेंद्र प्रताप सिंह, डॉ जितेंद्र यादव, डॉक्टर अमन मिश्रा, अजय यादव ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डॉ अभय कुमार वर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर दयानिधि सिंह यादव ने किया।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*