अहिल्याबाई होल्कर की 300वी जयंती मनाने का सिलसिला जारी, उनके कार्यों से प्रेरणा लेने की जरूरत

अहिल्याबाई होल्कर ने धार्मिक क्षेत्र में किया सराहनीय कार्य
किसान हित के लिए भी किए थे तमाम कार्य
विधायक सुशील सिंह ने गिनाए उनके कार्य
चंदौली जिले के खजरा गांव स्थित निजी विद्यालय में रविवार को संयोजक पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुशील सिंह जनौली के नेतृत्व में रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वी जयंती वर्ष मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि और भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री रामतेज पांडेय और स्थानीय विधायक सुशील सिंह ने संयुक्त रूप से श्यामा प्रसाद मुखर्जी, भारत माता व पंडित दीन दयाल उपाध्याय के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्वलित करके किया। इसमें संगोष्ठी के माध्यम से रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन चरित्र पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी।

भाजपा पूर्व प्रदेश मंत्री रामतेज पांडेय ने कहा कि होल्कर का जन्म 31 मई 1725 में महाराष्ट्र के चौड़ी गांव में हुआ था। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में उनकी प्रतिमा स्थापित करते हुए बताया कि पुण्य लोक वासी अहिल्याबाई होलकर काशी विश्वनाथ से लेकर सोमनाथ तक अनेक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया था। प्राचीनता और आधुनिकता का समन्वय जो उनके जीवन में था आज देश उसको आदर्श मानकर आगे बढ़ रहा है।

इस मौके पर सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने कहा कि रानी अहिल्याबाई होलकर 1767 से 1795 तक मालवा क्षेत्र पर शासन किया। किसानों की समस्याओं को देखते हुए सिंचाई के लिए नहरों, तालाबों, जलाशय का निर्माण कराते हुए कृषि कर में राहत दिया। डाकुओं से उनकी संपत्ति की रक्षा कर किसानों का आर्थिक बोझ कम किया। किसानों को प्रशिक्षित कर नई तकनीकी से खेती करने को प्रेरित किया गया। साथ में समाज में सुधार के लिए काम किया। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रयास किया।
इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख धानापुर अजय सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख देवेंद्र सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुशील सिंह जनौली, जिला महामंत्री सुजीत जायसवाल, मंडल अध्यक्ष चंद्रभान मौर्य, इंद्रजीत बिंद, रमेश द्विवेदी, मृत्युंजय सिंह दीपू, परमानंद सिंह, रामजी तिवारी, इंदल सिंह बाबा, भगवती तिवारी, नंदकुमार पांडेय, अजीत पांडेय, अरविंद उपाध्याय, निधि खरवार, संगीता गुप्ता, सत्यवान मौर्य, जयप्रकाश उपाध्याय, संजय मिश्रा, गणेश अग्रहरि, संजय उपाध्याय, दिलशेर अहमद, श्रीराम चौबे आदि रहे।
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