जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

कलेक्शन सेंटर बनाने में खेल कर गए अमूल के सर्वेयर व फील्ड अफसर, दूध देने वालों में गुस्सा

चंदौली जिले के धानापुर विकास खण्ड इलाके में अमूल डेरी के लोगों ने अभी से ही किसानों व पशु पालकों को ठगना शुरू कर दिया है। अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसे जगह पर दूध का कलेक्शन बना दिया
 

मनमाने व्यक्ति को दे रहे कलेक्शन सेंटर

मानकों को छोड़कर गांवों में सेटिंग से खोले जा रहे हैं सेंटर

 किसानों ने कवई पहाड़पुर में किया विरोध

 

चंदौली जिले के धानापुर विकास खण्ड इलाके में अमूल डेरी के लोगों ने अभी से ही किसानों व पशु पालकों को ठगना शुरू कर दिया है। अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसे जगह पर दूध का कलेक्शन बना दिया, जिसके पास न तो दूध का कारोबार है और न ही वह पशुपालन करता है। ऐसे में नियमानुसार अप्लाई करने वाले लोग तरह तरह के आरोप लगा रहे हैं।

धानापुर विकास खण्ड के कवई पहाड़पुर गांव में अमूल डेरी दूध कलेक्शन के लिए दो लोगों ने अमूल कम्पनी में फार्म डाला था, जिसमे कम्पनी द्वारा कहा गया था कि जिस किसान के पास कम से कम बीस लीटर दूध उपलब्ध होगा, उसे ही कलेक्शन सेंटर दिया जायेगा। परन्तु मानक के विपरीत अब किसी ऐसे व्यक्ति का चयन किया गया है, जिसके पास न तो जानवर हैं और न ही दूध। 

गलत व्यक्ति का सेलेक्शन किए जाने से किसानों में रोष बढ़ने लगा है। किसानों का कहना है कि जिस ब्यक्ति को दूध कलेक्शन के लिए चयन किया गया हैं, वह न तो किसान हैं और नहीं उसके पास कोई पशु है। वह कोई मानक पूरा नहीं करता है। 

इस मामले में जब किसान धर्मेंद्र बिन्द, गुड्डू यादव, दिनेश यादव, सुरेन्द्र यादव वीरेंद्र प्रसाद, संजय कुमार ने विरोध किया तो बहाने बनाने लगे। किसानों ने आरोप लगाया है कि कम्पनी के सर्वेयर द्वारा पैसा लेकर गलत व्यक्ति का चयन कर दिया गया। वहीं फील्ड ऑफिसर अर्जेश यादव ने बताया कि कंपनी में  ऊपर से आदेश होने के कारण उसे ऐसे व्यक्ति का सेलेक्शन करना पड़ा है। इसमें अब कुछ नहीं कर सकता है।

बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रो में किसानों और पशुपालकों को दूध का उचित मूल्य न मिलने से गावों में पशुओं की संख्या घटती जा रही है। साथ ही यह काम करने वालों को  ज्यादा कठिनाईयां झेलनी पड़तीं हैं, ज़बकि किसानों के दूध का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। गांव गिरांव में दूधियों द्वारा भैस के दूध की क़ीमत चालीस रूपये व गाय के दूध तीस रूपये में लिया जा रहा है। 

किसानों ने कहा कि इलाके में  मूमार्क डेरी भी कुछ गावों में खुली है, जो पशुओं के दूध को फैट के अनुसार लेती है और पैसा देती है। वह भी पैसा लेट लतीफी के तरीके से मिलता है, जिससे किसानों के पशुओं को समय से चारा खरीदने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ज़ब गावों में अमूल डेरी खोलने की चर्चा हुई तो किसानो में उम्मीद जगी कि अमूल कम्पनी सबको दूध का उचित मूल्य देगी और समय से किसानों को उनके दूध का उचित मूल्य मिलेगा। परन्तु डेरी के कलेक्शन सेंटर के चयन प्रकिया में ही गलती होने के बाद इससे भी लोगों को भरोसा कम होता जा रहा है।

Tags

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*