आखिरकार लग ही गयी बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा
बसपा की पहल से सकलडीहा में टला बड़ा विवाद
बाबा साहब की नई प्रतिमा शांतिपूर्ण तरीके से स्थापित
ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक
चंदौली जिले के सकलडीहा चौराहे पर सोमवार को उस समय भारी हंगामा और तनाव उत्पन्न हो गया, जब प्रशासन द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को दूसरी जगह शिफ्ट करने की कार्रवाई शुरू की गई। ग्रामीणों ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया और मौके पर नारेबाजी शुरू कर दी।

प्रतिमा हटाने के दौरान ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थिति बिगड़ती देख प्रशासनिक अमले ने तत्काल सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी और अधिकारियों ने लोगों को समझाने-बुझाने की कोशिश की।

इसी बीच, सूचना मिलने पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के जिलाध्यक्ष घनश्याम प्रधान और सकलडीहा विधानसभा अध्यक्ष संतोष कुमार भारती तत्काल मौके पर पहुंचे। दोनों नेताओं ने ग्रामीणों और अधिकारियों से अलग-अलग बात की और आपसी सामंजस्य स्थापित कर विवाद को शांत कराया।
काफी प्रयासों और विचार-विमर्श के बाद, सभी पक्षों की सहमति बनी और एक नई जगह पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की विधिवत स्थापना कराई गई।

सकलडीहा बसपा विधानसभा अध्यक्ष संतोष कुमार भारती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "बाबा साहब की प्रतिमा हमारे स्वाभिमान और सम्मान की प्रतीक है, किसी भी स्थिति में उनकी गरिमा से समझौता नहीं किया जा सकता।" उन्होंने प्रशासन से भविष्य में ऐसे किसी भी कार्य से पहले जनता की राय लेने का आग्रह किया।

घटना के बाद पूरे क्षेत्र में बसपा जिलाध्यक्ष घनश्याम प्रधान और संतोष कुमार भारती की भूमिका की खूब सराहना हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते बसपा नेता मौके पर नहीं पहुंचते तो स्थिति बिगड़ सकती थी। शांतिपूर्ण तरीके से नई प्रतिमा की स्थापना कराना दोनों नेताओं की सूझबूझ और प्रभावी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। ग्रामीणों ने बाबा साहब की प्रतिमा की गरिमा बनाए रखने में अहम भूमिका निभाने के लिए बसपा नेताओं का आभार व्यक्त किया है।
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