बलुआ पंप कैनाल बंद, छह हजार एकड़ खेत पर गहराया संकट बिजली संकट से पंप कैनाल ठप, नहरों में पानी नदारद, किसानों में गुस्सा

18 गांवों के छह हजार एकड़ खेतों में सिंचाई का संकट
धान की नर्सरी सूखने से किसानों में रोष
सिंचाई विभाग की लापरवाही से नहीं पहुंच पा रहा पानी
नहरों में पानी नहीं तो आंदोलन की चेतावनी
चंदौली जिले के सकलडीहा तहसील अंतर्गत धान की रोपाई का समय करीब आते ही बलुआ क्षेत्र के किसानों पर सिंचाई संकट गहराने लगा है। बिजली संकट के चलते बीते एक सप्ताह से बलुआ पंप कैनाल पूरी तरह बंद पड़ी है। जिससे नहरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इसका असर 18 गांवों के करीब छह हजार एकड़ खेतों पर पड़ा है। जहां धान की नर्सरी सूखने लगी है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है और आक्रोश भी उभरने लगा है।

धान की खेती के लिए पानी को तरस रहे किसान
बलुआ पंप कैनाल की आपूर्ति से बलुआ, कैथी, मटियरा, महुअर, हरघनजुड़ा, भगवानपुर, फुलवरिया, पहाड़पुर, समुदपुर, वेला, गुरेरा, सोनहुला, लक्ष्मनपुर, फुलपुर, लक्ष्मणगढ़, हसनपुर, कल्यानपुर और रैया गांव के किसान सिंचाई करते हैं। इन क्षेत्रों में धान की रोपाई के लिए नर्सरी डाल दी गई है, लेकिन नहरों में पानी नहीं पहुंचने से खेत सूखने लगे हैं।

किसानों का फूटा गुस्सा, दी आंदोलन की चेतावनी
पंप कैनाल बंद होने से परेशान किसान लगातार विभाग के चक्कर काट रहे हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया, तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे।
सिंचाई मंत्री के निर्देश के बावजूद निष्क्रिय विभाग
भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा मोर्चा के जिला महामंत्री अमृत चौरसिया ने कहा कि सिंचाई मंत्री ने 10 जून को ही निर्देश दिया था कि प्रदेश की हर नहर में पानी छोड़ा जाए, लेकिन बलुआ पंप कैनाल अब भी बंद है, जिससे नहरें सूखी पड़ी हैं।
यह है किसानों की पीड़ा
मनोज कुशवाहा कैथी के रहने वाले ने कहा कि धान की रोपाई के समय पानी की जरूरत होती है, लेकिन नहरें सूखी हैं।
आलोक कुमार सिंह समुदपुर ने कहा समय पर पानी नहीं मिला तो किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा।
लालता यादव हरघनजुड़ा के रहने वाले ने बताया कि महुअर माइनर से हरघनजुड़ा तक पानी नहीं पहुंचता, जिससे कई किसान खेती नहीं कर पाते।
निष्क्रियता बनी संकट की वजह
बलुआ पंप कैनाल से जुड़ी नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने से सिंचाई व्यवस्था चरमरा गई है। यह विभागीय लापरवाही ही है कि किसानों को अपनी धान की फसल की शुरुआत में ही संकट का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार को चाहिए कि बिजली संकट को त्वरित हल करते हुए बलुआ पंप कैनाल को चालू कराया जाए ताकि धान की रोपाई समय पर हो सके। विभागीय जिम्मेदारों को नहरों के निरीक्षण हेतु मौके पर भेजा जाए और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
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