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कई जन्मों के पुण्य के फल से मिलता सत्संग का अवसर, सुन्दर राज स्वामी सुना रहे हैं कथा

कलयुग में भगवान की कथा सुनने मात्र से जीवन धन्य हो जाता हैं। भगवान हस्तिनापुर आकर के दुर्योधन को समझाए कि शांति से पांच गांव दे दो और भाइयों के साथ मिलकर रहो।
 

महुअर में भागवत कथा का सत्संग

कथा सुना रहे हैं सन्त सुन्दर राज स्वामी

विशेश्वर ब्रह्मबाबा के प्रांगण में हो रही 7 दिवसीय भागवत कथा

चंदौली जिले के महुअर कलां में विशेश्वर ब्रह्मबाबा के प्रांगण में हो रही 7 दिवसीय भागवत कथा के दूसरे दिन प्रवचन में सन्त सुंदरराज स्वामी महराज ने बताया कि भगवान की कथा श्रवण करने से मन के विकार दूर होते है और भगवान की कृपा को समझने का अवसर मिलता है।

 सन्त सुंदरराज स्वामी महराज ने कहा कि जैसे जैसे धन, पद, प्रतिष्ठा बढ़ने लगती है वैसे वैसे लोग भगवान को लोग भूलने लगते है, लेकिन निरंतर कथा श्रवण करने मन से भगवान से जुड़ता है और भगवान की भक्ति प्राप्त होती है। कलयुग में भगवान की कथा सुनने मात्र से जीवन धन्य हो जाता हैं। भगवान हस्तिनापुर आकर के दुर्योधन को समझाए कि शांति से पांच गांव दे दो और भाइयों के साथ मिलकर रहो। ये पांडव भी तुम्हारे ही हैं, लेकिन वो अज्ञान के कारण प्रभु श्री कृष्ण के शांति संदेश को ठुकरा दिया और युद्ध के लिए तैयार हो गया। फिर भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुये धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया और मोह को खत्म कर युद्ध के लिए तैयार किया।

 अगर इंसान अहम को खत्म कर इन सब बातों को समझे तो आपसे के झगड़े खत्म हो जाएंगे। आज समाज की भी यही हाल है,  जो लोग सत्संग और भगवान की शरण में जाते हैं। वे सूझबूझ से कार्य करते हैं। अन्यथा जीवन संघर्ष में बीतता जाता है।

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