बिना तार वाले गांवों में भी बिजली का बिल भेज देता है विभाग, अब बिल माफ करने के नाम पर मांग रहे रिश्वत

बिजली विभाग की कार्यप्रणाली से नाराज हैं दलित बस्ती के लोग
फ्री कनेक्शन के नाम पर बनाया बेवकूफ
कनेक्शन दिए बगैर भेज दिया हजारों का बिल
गांव में बिना खंभा-तार के मीटर लगाकर भेजा बिल
चंदौली के चहनिया क्षेत्र में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली से नाराज होकर मथेला दलित बस्ती के लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि 2-3 साल पहले फ्री में कनेक्शन देने के नाम पर तमाम जानकारी लेकर विभाग के लोग गए थे, लेकिन इतने दिन बीतने के बाद कनेक्शन तो नहीं दिया और न ही गांव में खंभा और तार लगा, लेकिन मोबाइल फोन पर बिजली का बिल बकाया होने का मैसेज जरूर आ गया। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग ने बिना खंभे और तार लगाए ही कागजों में कनेक्शन जारी कर दिए हैं, ताकि फर्जीवाड़े में कनेक्शन की संख्या बढ़ाकर दिखा सकें।

मथेला के निवासी आनंद कुमार ने बताया कि उनके गांव में कई साल पहले बिजली मीटर तो लगा दिए गए। लेकिन विद्युतीकरण नहीं किया गया। लोगों के घरों में कभी बिजली नहीं आई। फिर भी हजारों रुपए के बिल का मैसेज भेजा जा रहा है। इससे लोग परेशान हैं।
रसूलपुर गांव की स्थिति भी इससे अलग नहीं है। वहां भी बिना बुनियादी ढांचे के बिजली बिल भेजे जा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दो-तीन साल पहले कुछ लोग बिजली विभाग का कर्मचारी बताकर आए। उन्होंने मुफ्त कनेक्शन देने का वादा किया। आधार कार्ड लेकर एक पर्ची थमा दी। हम लोगों को क्या पता था कि वे ऐसी हरकत करेंगे। साल भर के बाद बिना कनेक्शन के बिल भेजने लगेंगे।

स्थानीय निवासी अशोक राम, सुजीत, अनिल, रामसकल, संदीप और अन्य ने बताया कि वे अधिकारियों के चक्कर काट-काट कर थक गए हैं। कुछ अधिकारी रिश्वत की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पैसे देने पर बिल माफ कर दिया जाएगा।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी चंदौली से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनकी मांग है कि फर्जी बिल माफ किए जाएं और गांव का विद्युतीकरण कराया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
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