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भैंसउर में अंडरपास का काम छोड़कर भागे ठेकेदार और मजदूर, खोदा गया गड्ढा बन गया जानलेवा

धीना से तुलसी आश्रम के बीच स्थित इस मार्ग से ग्रामीण रेलवे लाइन के ऊपर से आवागमन करते हैं। अब तक यहां कई बार लोग हादसों का शिकार हो चुके हैं और ट्रेन से कटकर कई की जान जा चुकी है।
 

भाजपा सरकार में ठेकेदारों की रहती है मौज

काम शुरू करने का प्रचार करके रोक देते हैं काम

काम बंद होने से ग्रामीणों में आक्रोश और हादसे का भी खतरा

चंदौली जिले के धीना में पूर्व मध्य रेलवे दानापुर मंडल के अंतर्गत पटना-पीडीडीयू रेलखंड पर धीना रेलवे स्टेशन के पश्चिम स्थित भैंसउर गांव के सामने अंडरपास निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। रेलवे के ठेकेदार द्वारा गड्ढा खोदकर काम अधूरा छोड़ दिया गया है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि ऐसा देखा जा रहा है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में ठेकेदारों की मौज है और वे काम शुरू करने का ढिंढोरा पिटवाकर काम बंद कर देते हैं, जिससे कोई काम समय पर पूरा नहीं हो रहा है और न ही काम की क्वालिटी अच्छी दिख रही है।

धीना से तुलसी आश्रम के बीच स्थित इस मार्ग से ग्रामीण रेलवे लाइन के ऊपर से आवागमन करते हैं। अब तक यहां कई बार लोग हादसों का शिकार हो चुके हैं और ट्रेन से कटकर कई की जान जा चुकी है। इसीलिए अंडरपास की मंजूरी मिली थी कि लोगों को राहत मिल सके। 

ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 2017 में किसान यूनियन और आसपास के गांवों के लोगों ने एक सप्ताह तक धरना दिया था। उस समय के सांसद डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने ओवरब्रिज निर्माण का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया था। हालांकि बाद में शासन से 2025 में ओवरब्रिज की बजाय अंडरपास निर्माण को मंजूरी मिली। इसके बाद कार्य शुरू हुआ, लेकिन कुछ ही समय में ठेकेदार ने गड्ढा खोदकर कार्य को बीच में ही रोक दिया। अब वह गड्ढा ग्रामीणों के लिए संकट का कारण बन गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि अंडरपास बन जाए तो क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों और महाईच परगना के लोगों को सीधा लाभ होगा। उन्हें 18 से 20 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा और समय व धन दोनों की बचत होगी। ग्रामीणों की मांग है कि रेलवे व स्थानीय प्रशासन इस अधूरे अंडरपास निर्माण को गंभीरता से लें और शीघ्र इसका कार्य पूरा कराएं, ताकि आवागमन सुरक्षित और सुगम हो सके।

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