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भाकपा-माले अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी, समस्याओं पर प्रशासन है खामोश

धरने को किसान नेता श्रवण कुशवाहा, डॉ. सुदर्शन राय, रामप्यारी सैनी, विकास रस्तोगी, मिथिलेश मास्टर, प्रमिला मौर्य, रेखा, रामदेई, अंजलि, बेचन, विजय पांडे, अवधेश मिश्रा, त्रिभुवन, राजबहादुर सिंह सहित दर्जनों वक्ताओं ने संबोधित किया।
 

सकलडीहा तहसील में भाकपा माले का अनिश्चितकालीन धरना

जिला प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप

कई गांवों की समस्याओं को जोर-शोर से उठाया

चंदौली जिल के सकलडीहा तहसील परिसर में भाकपा (माले) के नेतृत्व में 23 सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू हुआ अनिश्चितकालीन धरना बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। धरने में बड़ी संख्या में ग्रामीण और किसान शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि वर्षों से लंबित स्थानीय समस्याओं पर प्रशासन और सरकार आंख मूंदे बैठी है।

Dharna in Sakaldiha

धरना दे रहे लोगों की प्रमुख मांग धानापुर ग्रामसभा की किसानों की जमीन की हेराफेरी को ठीक किया जाए, नरौली गांव के 14 भूमिहीनों को मिले पट्टे को अभिलेखों में दर्ज किया जाए, पपौरा ग्रामसभा में बाबा साहब स्मारक निर्माण के प्रस्ताव को सरकारी रिकॉर्ड में शामिल किया जाए, चहनियां में बन रहा 50 बेड का अस्पताल जल्द शुरू किया जाए, सलेमपुर में कागजों पर पूरी दिखा दी गई 600 मीटर इंटरलॉकिंग सड़क की जांच कराई जाए, सकलडीहा इंटर कॉलेज की फील्ड का सौंदर्यीकरण हो, सकलडीहा नाले की सफाई टेल तक कराई जाए, मथेला-रानेपुर सरहद की पोखरी को अतिक्रमण मुक्त कर उसका सुंदरीकरण कराया जाए।

Dharna in Sakaldiha

इसके अलावा बिजली विभाग की फर्जी बिल वसूली पर रोक लगाने, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों को आरबीआई की गाइडलाइन का पालन कराने, भू-स्वामियों को न्यायालय द्वारा मिले आदेश के अनुपालन में सुरक्षा उपलब्ध कराने, और माइनर की खुदाई जैसी मांगें भी धरने का हिस्सा रहीं।

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) राज्य कमेटी सदस्य शशिकांत सिंह ने कहा कि धरने के दूसरे दिन भी प्रशासन की ओर से कोई बातचीत न किया जाना उनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह निजीकरण के जरिए संसाधनों को पूंजीपतियों के हवाले कर रही है और जनता को सांप्रदायिक माहौल में उलझाकर असली मुद्दों से भटका रही है। उन्होंने कहा कि तहसील प्रशासन भी इसी रास्ते पर चलकर चंद नेताओं और भू-माफियाओं को फायदा पहुंचा रहा है, जबकि आम जनता दर-दर की ठोकरें खा रही है।

Dharna in Sakaldiha

धरने को किसान नेता श्रवण कुशवाहा, डॉ. सुदर्शन राय, रामप्यारी सैनी, विकास रस्तोगी, मिथिलेश मास्टर, प्रमिला मौर्य, रेखा, रामदेई, अंजलि, बेचन, विजय पांडे, अवधेश मिश्रा, त्रिभुवन, राजबहादुर सिंह सहित दर्जनों वक्ताओं ने संबोधित किया।

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