एमआरएफ सेंटर में बनी खाद का कैसे हो उपयोग, खाद के लिए नहीं मिल रहे ग्राहक
सलेमपुर में 34 लाख से बनाए गए एमआरएफ सेंटर में होने लगा गीले कचरे से खाद का उत्पादन
पहली खेप में पांच टन खाद तैयार
नहीं मिल रहे है खरीदार
चंदौली जिले के सकलडीहा के सलेमपुर में 34 लाख से बनाए गए एमआरएफ सेंटर में गीले कचरे से खाद का उत्पादन होने लगा है। पहली खेप में पांच टन खाद तैयार की गई है लेकिन नगर पालिका को इसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इससे ऐसे में खाद को वहीं डंप करना पड़ेगा।
आपको बता दें कि पीडीडीयू नगर के 25 वार्डों से रोज लगभग 35 टन कूड़ा निकलता है। कर्मचारी आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क किनारे कूड़ा फेंक देते थे। इससे परेशानी होती थी। इसको देखते हुए नगर पालिका को सकलडीहा तहसील के सलेमपुर में डेढ़ हेक्टेयर भूमि जिला प्रशासन ने दी थी, जहां 34 लाख कूड़ा डंपिंग यार्ड के साथ एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर का निर्माण कराया गया था। 2024 में प्लांट तैयार होने के बाद गीले कचरे से खाद बनाने के लिए पांच लाख रुपये से सात टन क्षमता वाली दो कंपोस्ट पिट बनाई गई थीं। साथ ही इसकी जिम्मेदारी स्वच्छ भारत मिशन को सौंपी गई थी।
बताया जा रहा है कि अब यहां पांच टन खाद तैयार बनकर तैयार हो गई है लेकिन इसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं।
इस संबंध में स्वच्छ भारत मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अजय आर्य ने बताया कि गीले कचरे से पांच टन खाद तैयार हो चुकी है। दो से तीन दिन में पिट खोलकर तैयार खाद को बाहर निकाला जाएगा। खाद बेचने के लिए खरीदार की तलाश की जा रही है।
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