जॉब्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में लजीज पकवानों का लगा मेला, जजों ने भी सराहा

16 टीमों ने प्रतिभाग कर दिखाया हुनर
लजीज पकवानों को देखकर चखने को हुए मजबूर
इन विजेताओं को मिला पुरस्कार
चंदौली जिला के चहनिया कस्बा स्थित जॉब्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी संस्था पर होली के अवसर पर दो दिवसीय कुकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में 16 टीमों ने प्रतिभाग कर लजीज पकवानों पर अपना हुनर दिखाया।
इंटर हाउस कुकिंग प्रतियोगिता के प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ी मकुनी- चोखा, महाराष्ट्रीयन खीर, साउथ इंडियन पकौड़े, राजस्थानी चटनी, दही चटनी, चायनीज मंचुरियन राइस, वेज बिरयानी, मटर कचौड़ी, गाजर का हलवा, टी, सैंडविच, मैगी, शाही पनीर, पुलाव, डोसा, छोले भटूरे, कुल्हड़ पिज्जा, ब्रेड रोल और शाही खीर समेत देशी-विदेशी व्यंजनों को बनाकर विद्यार्थियों ने अपना अपना हुनर दिखाया और जजों को खूब प्रभावित किया ।

वहीं द्वितीय चरण में बाटी-चोखा, मटर पनीर, चाट, मौसमी सब्जियों की मिक्स पकौडी, बेसन की नुक्ती, पापकार्न, मटर का चटपटा नमकीन, सूजी का हलवा, ग्रीन व ब्लैक टी, भेलपुरी, पास्ता, मिक्स फ्रूट ड्रिंक , मकुनि आदि व्यंजन को बेहतर ढंग से बनाकर प्रस्तुत किया गया।

प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका में समाजसेविका डॉ. सरिता मौर्य, ग्रामीण विकास आईटीआई के प्रबंधक मनोज कुमार यादव, मुकेश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार लल्लू सिंह राही ने न केवल पकवानों का मुआयना किया बल्कि स्वाद भी चखा। साथ ही साथ सभी प्रतिभागियों की सराहना की।
प्रतियोगिता में संजना चौहान की अशोका हाउस टोली और नंदनी की देसी घर टोली को प्रथम, अविनाश की तड़का ढाबा टोली और करन यादव की टंग बर्नर टोली को द्वितीय और तीसरे स्थान पर टेस्टी हाउस के दिव्यांशी और रियांचल की मेरी रसोई टोली रही। विजेताओं को प्रमाण पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि संस्थान की संरक्षक रामवंती देवी ने सभी के प्रयास व आयोजन के साथ बच्चों की तारीफ में कहा कि जिस तरह जीवन में विभिन्न व्यंजनों की खुशबू नया स्वाद देते हैं, ठीक उसी प्रकार सफलता के लिए प्रतिदिन बढ़ाए गए कदम भी।
वहीं दूसरी ओर जजों ने बेस्ट टेस्टिंग फूड के लिए वैष्णो पाण्डेय, मोस्ट क्रिएटिव के लिए प्रिंसी, टंग बर्नर के लिए आकाश गुप्ता व लिप्स्मैकिंग फूड के लिए विक्की यादव और प्रिया शर्मा की टीम को चुना गया । साथ ही कहा कि आधुनिक युग अपने चरित्र को पवित्र बनाएं और अतिआवश्यक जीवन शैली कि ओर कदम बढ़ाने चाहिए। रोज़मर्रा की वस्तुए पानी, भोजन, बिजली का सीमित उपयोग, समय के बदलने से पहले स्वयं को काबिल बना लें। वरना समय आपको बदलने मे देर नहीं करेगा। दो परिवारों को जोड़ने और शिक्षित करने वाली बेटी को अवश्य पढ़ायें।
प्रबंधक पवन कुमार मौर्य ने बताया कि दोनों प्रतियोगिता में प्रतिभागी बालिकाओं ने प्रसंशनीय कार्य किया। वही बालक वर्ग ने भी अच्छा प्रयास किया। इस तरह के आयोजन बच्चों के मानसिक, शारीरिक व बौद्धिक विकास के साथ आत्मनिर्भरता लिए अतिआवश्यक है।
प्रतियोगिता को सम्पन्न करने मे अध्यापक गण लक्ष्मीकांत, अजय प्रजापति, अदालत, राहुल सहित प्रिया, रिया, रीमा, सुप्रिया, अवनीश, अमित, अवनीश पाल, संजना मौर्या, अनुज, आनंद, ज्ञान, राज चौरसिया, अनिशा, पिंगला ने बड़ी भूमिका निभाई। अंत में निदेशक रामवंती देवी ने सभी अथितियों का स्वागत व धन्यवाद ज्ञापन किया।
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