टेकापुर गांव में जमीनी विवाद में मारपीट, बाप-बेटे घायल, ट्रॉमा सेंटर के लिए रेफर
सकलडीहा कोतवाली के टेकापुर गांव का मामला
जमीन विवाद में पुता-पुत्र गंभीर रूप से घायल
जिला अस्पताल से वाराणसी ट्रॉमा सेंटर के लिए रेफर
चंदौली जनपद के सकलडीहा कोतवाली क्षेत्र के टेकापुर गांव में मनियारपुर गांव के निवासी सच्चिदानंद त्रिपाठी व पुत्र अमित त्रिपाठी अपने जमीन पर निर्माण कार्य कर रहे थे कि इस दौरान दबंगों द्वारा उनके ऊपर जानलेवा हमला बोल दिया गया। जब तक दोनों लोग कुछ समझ पाते तब तक लाठी डंडे से पिटाई कर उनको लहूलुहान कर दिया गया। तत्काल परिजनों द्वारा 112 को सूचना दिया गया। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों व परिजनों द्वारा दोनों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सकलडीहा से जिला हॉस्पिटल रेफर किया गाय। जिला अस्पताल से भी घायलों को वाराणसी ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया ।
पीड़ित ने बताया कि सबसे बड़ी बात है कि हमारी जमीन पर दबंगों के द्वारा जबरदस्ती कब्जा कर रहे थे और इसकी शिकायत हमने समाधान दिवस से लेकर थाना दिवस तक किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, जिससे विपक्षियों का मन बढ़ गया। यही नहीं एक महीने पहले जमीन पर निर्माण के लिए गिट्टी, बालू और छड़ रखा गया था। उसे भी दबंगों द्वारा जबरदस्ती उठा लिया गया और पुलिस को लिखित तहरीर भी दी गई। उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक तक गुहार लगाई गई और कुछ भी नहीं हुआ। ऐसा लग रहा था कि पुलिस प्रशासन बड़ी घटना का इंतजार कर रहा था। दबंगों ने हम लोगों को मृत समझ कर छोड़ा है। अधिवक्ता सच्चिदानंद त्रिपाठी को जहां हाथ पैर को दबंगों द्वारा तोड़ दिया गया है। वहीं शिक्षक अमित कुमार त्रिपाठी को सिर में गंभीर चोटें आईं हैं। पुलिस मामले में तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज करते हुए कार्यवाही में जुट गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सकलडीहा कोतवाली पुलिस इस मामले में इमानदारी दिरा गांधी से कार्यवाही की होती तो इस घटना से बचा जा सकता था। हालांकि पीड़ित पक्ष ने पुलिस अधीक्षक से भी गुहार लगाई थी, लेकिन इस मामले में केवल कागजी कार्यवाही होती रही। वास्तविकता में पुलिस ने अपनी ओर से कोई सख्त कार्यवाही नहीं की, जिसके चलते इस मारपीट की घटना को दबंग किस्म के लोग अंजाम देने में सफल रहे।
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