बाढ़ के पानी में डूबने लगी है गुरैनी की निषाद बस्ती, ग्रामीणों ने प्रशासन से लगायी अपनी गुहार
धानापुर क्षेत्र के गुरैनी गांव में 30 से 40 परिवार बाढ़ की चपेट में आने की आशंका
ग्रामीणों ने संभावित संकट को देखते हुए किया प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन
तेज पानी के बहाव से गांव के जलमग्न होने का खतरा
ग्रामीणों ने दी चेतावनी
चंदौली जिले के धानापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गुरैनी गांव की निषाद बस्ती इन दिनों बाढ़ के खतरे से जूझ रही है। गांव के 30 से 40 परिवारों पर कभी भी बाढ़ का पानी कहर बनकर टूट सकता है। ग्रामीणों ने संभावित संकट को देखते हुए प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर पानी का बहाव इसी तरह तेज रहा, तो उनका गांव पूरी तरह जलमग्न हो जाएगा और उनका अस्तित्व मिट सकता है। बस्ती के आसपास बाढ़ से बचाव के लिए बनाए गए बांध और पिचिंग कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
प्रदर्शन के दौरान किसान नेता रविन्द्र नाथ मुन्ना सिंहऔर छात्र नेता अनिल यादव ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब नदी के किनारे पत्थर से पिचिंग का कार्य कराया जा रहा था, तभी तकनीकी कमियों की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया था। लेकिन न तो उनकी बात सुनी गई और न ही कार्य को सही ढंग से कराया गया।
किसान नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि बाढ़ सुरक्षा कार्यों में सरकार के पैसे का सही उपयोग नहीं किया गया। मानक के विपरीत निर्माण कर केवल खानापूर्ति की गई, जिससे अब ग्रामीणों की जान-माल पर खतरा मंडरा रहा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया और बाढ़ के कारण धन या जन की हानि हुई, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
प्रदर्शन में शामिल किसान व छात्र नेताओं ने कहा कि वे बाढ़ के खतरे को हल्के में नहीं ले सकते और जरूरत पड़ने पर बड़ा आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों की मांग है कि पक्की पिचिंग, तटबंध की मरम्मत और राहत कार्यों को तुरंत शुरू किया जाए ताकि उनके जीवन और संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित हो सके।
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