सावन के पहले सोमवार को फूलों की कीमतों में उछाल, दुकानों पर छाया सन्नाटा
महंगे फूलों को नहीं खरीद रहे भक्त
फूल विक्रेता संजय माली ने बतायी बिक्री को लेकर आ रही समस्याएं
महंगाई का सीधा असर दुकानों की बिक्री पर
चंदौली जिले में सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है और सोमवार के दिन शिवभक्तों की भीड़ मंदिरों में उमड़ी, लेकिन फूल बाजार में इस बार रौनक गायब रही। फूलों की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण श्रद्धालु हाथ खींचते नजर आए। आम दिनों की अपेक्षा इस बार गेंदा, मदार, बेला और बेलपत्र जैसे पूजन सामग्रियों के दामों में भारी इजाफा देखने को मिला।
सीता पोखरी बाजार के फूल विक्रेता संजय माली के अनुसार, "बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है जिससे फूलों की फसल खराब हो गई। गुलाब, गेंदा और अन्य मौसमी फूलों की आपूर्ति घट गई है। इसका सीधा असर बाजार पर पड़ा है।"
उन्होंने बताया कि पहले जहां गेंदा की एक माला 30-40 रुपये में बिकती थी, वही अब 70 से 80 रुपये तक पहुंच गई है। बेला और मदार के फूलों की माला भी 50 से 60 रुपये में बिक रही है। बेलपत्र, जिसे शिव पूजा में अत्यंत पवित्र माना जाता है, उसकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है।
इस अचानक हुई महंगाई का सीधा असर दुकानों की बिक्री पर पड़ा है। सावन के पहले सोमवार को, जहां आमतौर पर दुकानों पर भीड़ रहती थी, इस बार ग्राहक इक्का-दुक्का ही नजर आए। दुकानदारों का कहना है कि महंगे दामों के चलते लोग कम मात्रा में फूल खरीद रहे हैं या बिना माला के ही मंदिर जा रहे हैं।
शिवभक्तों के लिए यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि सावन में भगवान शिव का पूजन बिना फूल और बेलपत्र के अधूरा माना जाता है। अब देखना होगा कि आने वाले सोमवारों तक फूलों की कीमतों में कुछ गिरावट आती है या भक्तों को और जेब ढीली करनी पड़ेगी।
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