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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पलकधारी पाण्डेय की याद में सभ्रांत लोगों की बैठक

 ब्रिटिश विरोधी गतिविधियों और बेवाक टिप्पणी के लिए इस स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को कई बार जेल जाना पड़ा था। अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए कई बार पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ीं, परंतु इन्होंने कभी आत्म सम्मान से समझौता नहीं किया ।
 

इलाके के चर्चित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे पलक पांडेय

स्थानीय लोगों में आजाद के नाम से थे चर्चित

सेनानी की याद में बैठक करके ग्रामीणों ने किया याद

चंदौली जिले में आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान क्षेत्र के अगस्तीपुर रामलीला प्रांगण में मेरी माटी मेरा देश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित पलकधारी पाण्डेय जी की याद में सभ्रांत लोग ने की आवश्यक बैठक आहूत हुई । बैठक में  स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के प्रति सम्मान भाव देश के प्रत्येक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गांव में सार्वजनिक स्थल पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिलापट्ट लगाया गया । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर अगस्तीपुर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पलकधारी पाण्डेय के सम्मान में शिलापट्ट लगाया गया जिसका गांव के लोग मुख्यमंत्री का प्रशंसा कर रहे हैं।

  गांव के वरिष्ठ नागरिक व रामलीला के व्यास पंडित शम्भूनाथ पाण्डेय ने बताया कि आजादी के पहले अंग्रेजों से लोहा लेने वाले बहादुर किसानों की सूची में एक नाम  पंडित पलकधारी पांडेय उर्फ आजाद का आता है, जो उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के अगस्तीपुर गांव के निवासी थे। पंडित जी का सादा जीवन उच्च विचार और ईमानदारी सदैव गांव वालों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। पांडेय जी ( आजाद) प्रारंभ से ही किसान विरोधी नीतियों और विदेशी हुकूमत के प्रबल विरोधी थे। एक तरफ परिवार गरीबी से जूझ रहा था तो दूसरी तरफ इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कूद कर देश को आजाद करने का मन बना लिया था।

 ब्रिटिश विरोधी गतिविधियों और बेवाक टिप्पणी के लिए इस स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को कई बार जेल जाना पड़ा था। अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए कई बार पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ीं, परंतु इन्होंने कभी आत्म सम्मान से समझौता नहीं किया ।

  आजादी के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा इस वीर योद्धा को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया गया। पांडेय जी को जीवन पर्यंत लोगों द्वारा अपार स्नेह, प्रेम मिलता रहा। उनके परिवार में एक पुत्र दो सुपौत्र ,एक सुपौत्री हैं । अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशन में शिलापट्ट स्थापित व लोकार्पण करके परिवार गांव क्षेत्र को गौरवान्वित किया गया। पांडेय जी का संपूर्ण व्यक्तित्व आज भी संभ्रांत समाज के लिए आदर्श हैं।
 
 बैठक में मुख्य रूप से पंडित शम्भू नाथ पाण्डेय, भोलानाथ पाण्डेय, कमलेश पाण्डेय, विद्यासागर पाण्डेय, धनञ्जय पाण्डेय, नीरज पाण्डेय, आशीष पाण्डेय,अनुराग पाण्डेय,रविकांत पाण्डेय,बालमुकुंद मौर्या,सुनील मौर्या, अरविंद पाण्डेय,राधे खरवार,होशिला तिवारी,आकाश तिवारीसुमन पाण्डेय,सोपालू पाण्डेय देवेश पाण्डेय,नंदा पाण्डेय आदि लोग उपस्थित रहे ।

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