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गंगा दशहरा पर श्रद्धालुओं ने पश्चिम वाहिनीं मां गंगा में लगायी डुबकी, गंगा तट पर उमड़ी आस्थावानों की भीड़

पुराणों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। आज ही के दिन राजा भगीरथ के कठोर तपस्या के बाद गंगा का अवतरण धरती पर हुआ है।
 


चंदौली जिले में गंगा दशहरा पर स्नान

बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर स्नान-दान करते दिखे श्रद्धालु

हजारों श्रद्धालुओं ने लगायी आस्था की डुबकी

चंदौली जिले के बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनी मां गंगा तट पर रविवार को गंगा दशहरा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। स्नान के पश्चात भिक्षुओं को दान भी दिया। स्नान दान का सिलसिला भोर से ही शुरू होकर दोपहर बाद तक चालू रहा। हमारे धार्मिक महात्म्य की दृष्टि से गंगा दशहरा का बहुत बड़ा महत्व है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस, गंगा सेवा समिति के लोग व गोताखोर भी सक्रिय रहे।
         Ganga Snan
हर साल की तरह इस साल भी बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर गंगा दशहरा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। स्नान दान का सिलसिला भोर से ही शुरू रहा। पुराणों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। आज ही के दिन राजा भगीरथ के कठोर तपस्या के बाद गंगा का अवतरण धरती पर हुआ है। इसलिए यह महापुण्यकारी पर्व माना जाता है।

Ganga Snan

 गंगा दशहरा के दिन सभी मंदिरों में लोग पूजन अर्चन करते हैं। साथ ही मोक्षदायिनी मां गंगा का पूजन अर्चन करने की परंपरा है। गंगा दशहरा के दिन दान पुण्य का विशेष महत्व है। गंगा स्नान, गंगा पूजन अर्चन के बाद भिक्षुओं को दान पुण्य करते हैं। गंगा दशहरा का स्नान व व्रत से भगवान विष्णु को खुश करने के लिए भी किया जाता है। इन्हीं परम्पराओं का निर्वहन करते हुए हजारों श्रद्धालुओं ने बलुआ स्थित गंगा तट पर स्नान दान किया ।

Ganga Snan

गंगा दशहरे की भीड़ को देखते हुए गंगा दशहरा व एकादशी के स्नान को लेकर गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक जायसवाल पीडब्लूडी विभाग के एक्सीयन से वार्ता कर देर रात तक लाइटिंग, गंगा में बैरिकेटिंग के लिए रस्सा लगवाने में जुटे रहे। पुलिस घाट पर व नाव से चक्रमण कर रस्सा के अंदर स्नान करने का हिदायत देती रही। इसके अलावा गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष के नेतृत्व में वैलेंटियर व मार्कण्डेय माझी के नेतृत्व में गोताखोर लगे रहे।

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