वन विभाग वाले साहब कहते हैं- 5000 दे दो और काट लो कोई भी हरा पेड़
वन विभाग की कृपा से सक्रिय है हरे पेड़ों की कटाई करने वाले गैंग
मीडिया में खबर आने के बाद कार्रवाई की देते हैं दलील
डीएफओ साहब कब और कैसी कार्रवाई करेंगे कुछ पता नहीं
चंदौली जिले के धानापुर क्षेत्र में हरे व सूखे पेड़ों को लकड़ी माफिया द्वारा बड़े आराम से काटा जा रहा है। हरे पेड़ों की धड़ल्ले से अवैध कटाई का मामला सामने आने पर वन विभाग के लोग गोलमटोल जवाब दे रहे हैं, जबकि ग्रामीणों का आरोप है कि यह कार्य वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है।
इस संबंध में बताते चले कि धानापुर थाना क्षेत्र के कई गांवों में लकड़ी माफिया आम और शीशम के हरे पेड़ों को काट रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि एक तरफ सरकार पौधरोपण पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी तरफ फलदार और पुराने वृक्षों की अवैध कटाई हो रही है।

इस संबंध में एक पीड़ित ने बताया कि मैं खुद पेड़ काटने को लेकर साहब के पास परमिशन के लिए गया था तो उन्होंने बोला कि 5000 दे दो और पेड़ काट लो। मैं जब मना किया कि सर उतना पैसा नहीं हो पाएगा। उसके बाद उन्होंने ₹2000 लिया और अगले दिन किसी ने इस पेड़ का उनको ज्यादा पैसा कमीशन में दे दिया तो पेड़ उसको काटने के लिए सुपुर्द कर दिया गया। जब मैं इसकी शिकायत लेकर मीडिया में गया तो मीडिया में खबर लगने के बाद उसके ऊपर जुर्माना लगाने की बात कही जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, वन दरोगा मोटी रकम लेकर इस अवैध कटाई पर आंखें मूंद लेते हैं। क्षेत्र के आरा मशीनों पर भी अवैध लकड़ी काटने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। तोरवा में वन दरोगा की जानकारी में हुई हरे पेड़ों की कटाई का मामला जब मीडिया में आया तो उसके बाद जुर्माना किया गया है जिससे वन विभाग की किरकिरी हो रही है।

प्रभागीय वन अधिकारी दिलीप श्रीवास्तव से बात किया गया तो कहा कि हरे पेड़ों की अवैध कटाई की जानकारी मिलने पर संबंधित क्षेत्रीय वन अधिकारी और रेंजर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग का कोई भी कर्मचारी अवैध कार्यों में लिप्त पाया जाता है, तो जांच के बाद उस पर कार्रवाई होगी।
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