खनन माफिया फिर से सक्रिय, गंगा किनारे हो रही मनमाने तरीके से खुदाई
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जेसीबी लेकर खनन माफिया सक्रिय
दर्जनों ट्रैक्टर से हो रही मिट्टी की ढुलाई
रात से लेकर भोर तक चलता है काम
खनन अधिकारी और स्थानीय पुलिस प्रशासन खामोश
चंदौली जिले के चहनियां इलाके में खनन अधिकारी और स्थानीय पुलिस प्रशासन की कृपा से खनन माफिया फिर से सक्रिय हो गये है। कई खनन करने वाले लोग जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर बिना किसी लाइसेंस व परमीशन के मानक के विपरीत धुंआधार खुदाई करते जा रहे हैं। वैसे यह कार्य भोर से सुबह तक चलता रहता है। डेरवा खुर्द के साथ-साथ तीरगाँवा, जमालपुर, नादी, निधौरा, छपरा, सोनबरसा टांडाकला में बनी हुई है, जहां बेरोकटोक खनन करने वाले सक्रिय हैं।
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बताते चलें कि सरकार द्वारा गंगा किनारे गांवों को कटान से बचाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है, किन्तु खनन माफियाओं ने तो हद ही कर दी है। डेरवा खुर्द गांव में गंगा किनारे से महज 500 से 700 मीटर पर बिना लाइसेंस के खनन किया जा रहा है। इस जगह पर 8 से 9 फीट की गहराई में खुदाई हो रही है। जबकि खुदाई करने के लिए केवल तीन फीट तक छूट दी जाती है।
इस इलाके में खनन माफियाओं द्वारा यह कार्य रात व भोर में किया जाता है, ताकि आम लोगों की नजरों से बचाया जा सके। यहां तो धड़ल्ले से जेसीबी मशीन लगाकर खनन करके मिट्टी की ट्रैक्टरों से ढुलाई की जाती है।
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के दौरान ये मिट्टी के टीले ही पानी को रोकते हैं। अब खनन करके इन इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ाया जा रहा है। अधिक गहरा खनन होने पर नदी का पानी तेजी से गांव में आ जायेगा। इससे इलाकों में जलभराव व बाढ़ की स्थिति हो सकती है। गांव के लोग परेशान होंगे, लेकिन खनन माफियाओं को गांव की समस्या से कुछ भी लेना देना नहीं है। उन्हें तो सिर्फ रुपयों से मतलब है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि इन्हें नही रोका गया तो आने वाले बाढ़ के दिनों में गांव के लोगों को गांव में जलभराव झेलना होगा। कमोवेश यही हाल तीरगाँवा, जमालपुर, नादी, निधौरा, छपरा, सोनबरसा टांडाकला में बनी हुई है, जहां बेरोकटोक खनन करने वाले सक्रिय हैं।
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