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इनकी बात मानकर किसानों ने खत्म किया धरना, ये मिला है आश्वासन

धरना समाप्त करने का निर्णय इस शर्त पर लिया गया कि तीन माह के भीतर जल निकासी, सड़क निर्माण और नाली निर्माण जैसी प्रमुख मांगों को पूरा कर दिया जाएगा।
 

सकलडीहा में कई समस्याओं को लेकर चल रहा था धरना

किसान यूनियन का धरना 3 माह के लिए स्थगित

विधायक व SDM की पहल रंग लाई

चंदौली जनपद के सकलडीहा कस्बे में जल निकासी, सड़क निर्माण एवं अन्य बुनियादी समस्याओं को लेकर भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन द्वारा पिछले कुछ समय से धरना-प्रदर्शन किया जा रहा था। यह आंदोलन किसानों और स्थानीय व्यापारियों की समस्याओं को लेकर शुरू किया गया था। रविवार को उप जिलाधिकारी कुंदन राज कपूर और क्षेत्रीय सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव की सक्रिय पहल से धरना तीन माह के लिए स्थगित कर दिया गया।

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धरना समाप्त करने का निर्णय इस शर्त पर लिया गया कि तीन माह के भीतर जल निकासी, सड़क निर्माण और नाली निर्माण जैसी प्रमुख मांगों को पूरा कर दिया जाएगा। क्षेत्रीय विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव ने धरनास्थल पर पहुंचकर किसानों से वार्ता की और आश्वस्त किया कि विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि तय समयसीमा में कार्य पूरा नहीं हुआ तो वे स्वयं किसानों के साथ धरने पर बैठने के लिए तैयार हैं।

किसान यूनियन और व्यापारियों ने जनप्रतिनिधियों के इस आश्वासन का सम्मान करते हुए अपना अनिश्चितकालीन धरना फिलहाल तीन माह के लिए स्थगित कर दिया है। उप जिलाधिकारी कुंदन राज कपूर ने भी आश्वासन दिया कि क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं का समयबद्ध समाधान किया जाएगा।

इस मौके पर विधायक यादव ने किसानों और यूनियन के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे सच में बधाई के पात्र हैं, जो क्षेत्र के विकास के लिए गंभीरता से आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने आंदोलनकारियों के संयम और संकल्प की प्रशंसा की।

कार्यक्रम में यूनियन के वाराणसी युवा मंडल अध्यक्ष पिंटू पाल, जिला अध्यक्ष शेषनाथ यादव, तनमन सिंह, आनंद कुमार सेठ, संजय जायसवाल, अखिलेश, राजू सिंह, मनोज गुप्ता, अनिल सेठ, दीपक सेठ सहित अनेक कार्यकर्ता एवं स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।

इस घटनाक्रम ने यह साबित किया कि सकारात्मक संवाद और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से जनसमस्याओं का समाधान संभव है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि अपने वादे को कितनी ईमानदारी से निभाते हैं।

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