खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई न होने पर लेखपालों का गुस्सा फूटा, धानापुर पुलिस के खिलाफ बैठे धरने पर
अवैध खनन रोकने पर लेखपाल को दी गई जान से मारने की धमकी
15 दिन बाद भी नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी
संघ की चेतावनी–जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो होगा जिलास्तरीय आंदोलन
खनन माफिया पर राजनीतिक संरक्षण का आरोप
चंदौली जिले के धानापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत हेतमपुर गांव में खनन माफिया के खिलाफ प्रशासनिक लापरवाही को लेकर लेखपाल संघ लामबंद हो गया है। मामला तब गर्माया जब खनन माफिया प्रदीप सिंह ने क्षेत्रीय लेखपाल विजय कुमार जायसवाल को फोन पर गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। यह धमकी उस समय दी गई जब लेखपाल ने हेतमपुर गांव में अवैध खनन की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचकर खनन करने से रोकने का प्रयास किया था।
इस घटना को घटे हुए पंद्रह दिन से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन धानापुर थाना अध्यक्ष द्वारा अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। इस उदासीनता से नाराज होकर लेखपाल संघ ने सकलडीहा तहसील परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और कार्य का बहिष्कार किया। संगठन का कहना है कि जब एक सरकारी कर्मचारी की सुरक्षा ही सुनिश्चित नहीं है, तो वह कैसे निष्पक्ष रूप से कार्य कर सकता है?
लेखपाल संघ के पदाधिकारियों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि खनन माफिया राजनीतिक संरक्षण के चलते खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई और मुकदमा लिखा गया, तो वे जिलास्तरीय आंदोलन शुरू करेंगे।
विरोध प्रदर्शन के दौरान तहसील परिसर में कार्य पूरी तरह ठप रहा, जिससे आमजन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेखपाल संघ ने स्पष्ट कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं, लेकिन अगर प्रशासन ने अब भी कोई कदम नहीं उठाया, तो यह पूरी व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करेगा।
यह मामला न केवल प्रशासनिक निष्क्रियता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अवैध खनन और माफिया तंत्र किस तरह से सरकारी व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।
इस संबंध में दानापुर थाना अध्यक्ष शरद गुप्ता ने बताया कि लेखपाल द्वारा प्रार्थना पत्र देने के बाद दोबारा थाने पर नहीं आये, इस कारण मुकदमा नहीं लिखा गया।
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