स्वास्थ्य उपकेंद्र खुद बीमार, ग्रामीण इलाज के लिए परेशान
बिना रास्ते के कैसे पहुँचे मरीज अस्पताल
कागजों में रास्ता, ज़मीनी हकीकत में गायब
कूड़े-कचरे और झाड़ियों के बीच दबा स्वास्थ्य उपकेंद्र
एनएम बिंदु देवी ने बना लिया निजी आवास
चंदौली जिले के धीना कस्बा में ग्रामीणों की चिकित्सा सुविधा के लिए वर्षों पूर्व बना स्वास्थ्य उपकेंद्र खुद बदहाली का शिकार हो चूका है। आज स्थिति यह है कि यह उपकेंद्र में न तो लोगों का इलाज हो पा रहा है और न ही खुद स्वस्थ दिखता है।
ग्रामीणों ने बताया कि कभी खाली ज़मीनों के बीच स्थित यह उपकेंद्र अब दुकानों से घिर चुका है और वहाँ तक पहुँचने का कोई रास्ता भी शेष नहीं बचा है। उपकेंद्र के चारों ओर कूड़ा, झाड़ियाँ और गंदगी का अंबार लगा हुआ है। यह केंद्र अब अस्पताल कम, आवास अधिक बन गया है। वर्तमान में एनएम बिंदु देवी अपने परिजनों के साथ यहीं रह रही हैं।
उपकेंद्र बन गया है निजी आवास
स्थानीय निवासी पियूष राय, मोहन शाव, सुमित कुमार और नीरज राय ने इस मुद्दे को लेकर जिला चिकित्सा अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है। उनका कहना है कि कस्बे में हजारों की आबादी होने के बावजूद इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं है।
कागज पर रास्ता, जमीन पर अवरोध
बरहनी पीएचसी के प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि कागजों में उपकेंद्र तक रास्ता दर्ज है, लेकिन फिलहाल ज़मीन पर वह रास्ता मौजूद नहीं है। इस कारण चिकित्सा सेवा बाधित है। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान से संपर्क कर रास्ता बनवाने की कोशिश की जा रही है, ताकि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र को पुनः चालू कर सुलभ रास्ता बनवाया जाए और वहाँ चिकित्सकीय स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाए, जिससे क्षेत्र के लोग उचित इलाज पा सकें।
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