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अधिवक्ता एक्ट में संशोधन व परिवर्तन का विरोध तेज, आज सकलडीहा में खूब हुयी नारेबाजी

तहसील मुख्यालय पर अधिवक्ताओं ने सरकार द्वारा 1961 में अधिवक्ताओं के हित के लिए बनाए गए एक्ट में परिवर्तन करते हुए उनके अधिकारों के हनन करने की कोशिश कर रही है।
 

अधिवक्ता हित के एक्ट में छेड़छाड़ करना लोकतंत्र विरोधी

भाजपा सरकार को पड़ सकता है भारी

वकीलों ने अंतिम लड़ाई लड़ने के लिए भरी हुंकार

चंदौली जनपद के विभिन्न तहसील एवं न्यायालयों में न्यायिक कार्य का बहिष्कार करते हुए अधिवक्ताओं ने जुलूस निकालकर आंदोलन किया। अधिवक्ताओं का आरोप है कि सरकार अधिवक्ताओं के हित के लिए बनाए गए 1961 के एक्ट में परिवर्तन कर अधिवक्ताओं के अधिकारों को समाप्त करने की कोशिश में जुटी हुई है, जिसको लेकर सकलडीहा तहसील मुख्यालय पर अधिवक्ताओं ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अंतिम लड़ाई लड़ने की हुंकार भरते हुए अनिश्चितकालीन न्यायिक कार्य बहिष्कार किया है।

Oppose and Protest

आपको बता दें कि तहसील मुख्यालय पर अधिवक्ताओं ने सरकार द्वारा 1961 में अधिवक्ताओं के हित के लिए बनाए गए एक्ट में परिवर्तन करते हुए उनके अधिकारों के हनन करने की कोशिश कर रही है। अधिवक्ताओं का आरोप है कि हम लोगों के अधिकार समाज के लोगों की लड़ाई लड़ने के लिए जो दिए गए हैं, उसको सरकार समाप्त करना चाहती है। अधिवक्ता समाज लोकतंत्र का सजग प्रहरी है और बुद्धिजीवी वर्ग है। ऐसे लोगों के लिए जो कानून बनाए गए हैं, उसमें छेड़छाड़ करना सरकार के लिए भारी पड़ सकता है और अधिवक्ता समाज इस नियम को बरकरार रखने के लिए अंतिम सांस तक आंदोलन करता रहेगा।

इसी मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने पूरी तहसील में नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला और बांह पर काली पट्टी बांधकर अधिवक्ता एकता जिंदाबाद और जो हमसे टकराएगा चूर-चूर हो जाएगा.. सहित कई सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए तहसील के गेट पर प्रदर्शन किया है।

इस दौरान सकलडीहा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक यादव, महामंत्री रामराज यादव, मनोज पांडे, श्रीकांत मिश्रा, नितिन तिवारी, पंकज यादव सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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