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भूपौली के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में उग आई झाड़ियाँ, अस्पताल बन गया है जंगल

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि अगर अस्पताल के जिम्मेदार कर्मचारी थोड़ा भी सजग होते तो खर-पतवार नाशक दवाओं का छिड़काव करवा कर सफाई करा सकते थे।
 

बदहाल है भूपौली गांव में बनाया गया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर

लाखों खर्च के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था

वहां पर न डॉक्टर

न कंपाउंडर, न साफ-सफाई

चंदौली जिले में सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चल रही आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत भूपौली गांव में बनाए गए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की हालत बदहाल है। आलम यह है कि स्थानीय लोग अब इसे "झाड़ी में अस्पताल या अस्पताल में झाड़ी" कहकर तंज कस रहे हैं।

स्थानीय ग्रामीणों रमेश, सुन्नर, रामजियावन, सुरेंद्र सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि अस्पताल की हालत वर्षों से खराब है। न तो डॉक्टर नियमित आते हैं, और अगर कभी डॉक्टर आते भी हैं तो कंपाउंडर गायब होता है। दूसरी ओर यदि कंपाउंडर मौजूद हो, तो डॉक्टर नदारद।

सेंटर के चारों ओर घनी झाड़ियाँ और खर-पतवार फैले हैं, जिससे वहां अत्यधिक विषैले जीव-जंतुओं का खतरा बना रहता है। कई बार सांप और अन्य जानवर देखे गए, जिससे लोग इलाज के लिए वहाँ जाना भी खतरे से खाली नहीं मानते।

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि अगर अस्पताल के जिम्मेदार कर्मचारी थोड़ा भी सजग होते तो खर-पतवार नाशक दवाओं का छिड़काव करवा कर सफाई करा सकते थे। लेकिन अधिकारियों की ओर से निरीक्षण या निगरानी नहीं होने के कारण कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं, और अस्पताल बदहाल होकर खाली पड़ा कराह रहा है।

इस संबंध में चहनिया चिकित्सा प्रभारी डॉ. रितेश कुमार ने कहा कि अब तक यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। अब जानकारी मिली है, जल्द ही साफ-सफाई और व्यवस्था सुधारने की कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से तत्काल हस्तक्षेप और व्यवस्था सुधार की मांग की है। इसके लिए काम किया जाएगा।

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