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पांच साल से राशन कार्ड के लिए भटक रही महिला, कोई तो कर दे महिला की मदद

पुष्पा देवी ने जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। अधिकारियों द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट भेज दी गई।
 

राशन कार्ड कटने के बाद दर-दर भटक रही पुष्पा देवी

जनसुनवाई भी बेअसर

झुग्गीवासियों को नहीं मिल रही सरकारी योजनाओं की राहत

सिस्टम पर उठे सवाल,आखिर क्यों काटा गया पुष्पा का राशन कार्ड? जवाब देने से बच रहे अधिकारी

पुष्पा का सवाल- किस आधार पर काटा गया मेरा राशन कार्ड

चंदौली जिले के धानापुर विकास खंड के रायपुर बभनियाव गांव की निवासी पुष्पा देवी बीते पांच वर्षों से राशन कार्ड बनवाने के लिए अधिकारियों की चौखट पर चक्कर लगा रही हैं। लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। उनका पुराना लाल राशन कार्ड जो वर्ष 2006 में बना था, वर्ष 2021 में बिना किसी स्पष्ट कारण के काट दिया गया। तब से आज तक वह परिवार के भरण-पोषण के लिए सरकारी मदद की बाट जोह रही हैं।

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पीड़िता पुष्पा देवी के अनुसार उनके पति अर्धविक्षिप्त हैं और परिवार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कई बार उन्होंने ग्राम प्रधान, कोटेदार से लेकर पूर्ति निरीक्षक तक गुहार लगाई, लेकिन न तो परिवार के अन्य सदस्यों के नाम जोड़े गए और न ही नया राशन कार्ड जारी किया गया। हर बार अधिकारियों द्वारा "बाद में आइए" कहकर मामला टाल दिया गया।

पुष्पा देवी ने जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। अधिकारियों द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट भेज दी गई। उनका सवाल अब भी यही है "आख़िर मेरा राशन कार्ड बिना सूचना के किस आधार पर काटा गया?" वहीं पूर्ति विभाग के अधिकारी लक्ष्य पूर्ति की दुहाई देकर मामले को ठंडे बस्ते में डालते जा रहे हैं।

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बताते चलें कि कि धानापुर कस्बे में केवल पुष्पा ही नहीं, बल्कि धरकार, डोम और लोढ़ा बनाने वाले समाज के दर्जनों लोग भी राशन कार्ड और अन्य सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों के लिए सरकार द्वारा तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही और उपेक्षा के चलते जरूरतमंदों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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