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कैथी में हो रही है रामलीला, प्रभु श्रीराम के जन्म के साथ ही जय श्रीराम के उद्घोष से गुंजा स्थल

चहनिया के कैथी स्थित रामलीला स्थल पर रामलीला समिति द्वारा विगत कई वर्षों से रामलीला का आयोजन होता चला आ रहा है । इस वर्ष भी गुरुवार की रात में रामलीला का शुभारंभ मुकुट पूजा व प्रभु श्रीराम के जन्म के साथ हुआ ।
 

चंदौली जिले के चहनिया के कैथी स्थित रामलीला स्थल पर रामलीला समिति द्वारा विगत कई वर्षों से रामलीला का आयोजन होता चला आ रहा है । इस वर्ष भी गुरुवार की रात में रामलीला का शुभारंभ मुकुट पूजा व प्रभु श्रीराम के जन्म के साथ हुआ । प्रभु राम के जन्म के साथ ही जय श्रीराम के नारों से पंडाल गूंज उठा माताएं बहने न्योछावर लुटाने लगी । मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की जन्म की झांकी को देखकर उनके आंखों में हर्ष के आंसू छलक उठे । 
                

आपको बता दें कि रामलीला समिति कैथी के द्वारा ग्राम सभा कैथी के रामलीला प्रांगण में सर्वप्रथम समिति के लोगो द्वारा मुकुट पूजन हुआ । मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के जन्म दिवस की झांकी प्रस्तुत की गई । जिसमें दिखाया गया की रावण की अत्याचार से द्रवित होकर मां पृथ्वी गाय का रूप बनाकर देवताओं के पास गई । देवताओं के साथ मिलकर फिर ब्रह्मा जी के पास गुहार लगाने गई । ब्रह्मा जी शंकर जी और सभी देवताओं ने भगवान विष्णु से सागर में मुलाकात की और अनुनय विनय किया कि पृथ्वी की रक्षा करिये प्रभु ,ब्राह्मणों की रक्षा करिये,गौ माता की रक्षा करिये, गांव की रक्षा करिये । क्योंकि राक्षस राज रावण की आतंक से सब लोग भयभीत हैं । भगवान विष्णु ने कहा मनु शतरूपा की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर मैं धरती पर उनके पुत्र के रूप में लेने का उन्हें आशीर्वाद दिया है । 

वही मनु शतरूपा राजा दशरथ और कौशल्या के रूप में अयोध्या में राज करेंगे और उन्हीं के घर में अपने सभी कलाओं से पर पूर्ण होकर अवतार लूंगा और राक्षसों का संघार करूंगा । व्यास द्वारा "विप्र धेनु सुर संत हित लिन्ह मनुज अवतार ,, निज इच्छा निर्मित मन,, माया गुन गोपाल" के गीत के साथ ही प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ ।

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