फिर रामलीला की जमीन को लेकर हो सकता है विवाद, डीएम को सौंपा ज्ञापन
चंदौली जिले के कमालपुर कस्बा के व्यापारी व ग्रामीणों ने गुरुवार को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से मिलकर प्रार्थना पत्र देकर दो सूत्रीय मांग का जांच कराने का मांग किया, ताकि सैकड़ों साल से अग्रहरि समाज द्वारा मकान बनाकर रहने, हनुमान मंदिर व रामलीला मैदान की जमीन का जांच कराकर समस्या से निजात मिल सके। उक्त जमीन को लेकर रस्तोगी परिवार व ग्राम सभा के ग्रामीणों का विवाद समाप्त हो सके।
बताया जा रहा है कि कमालपुर कस्बे में रस्तोगी परिवार के वंशजों द्वारा स्वर्गीय रघुनाथ अग्रहरि, स्वर्गीय जगरनाथ अग्रहरि, स्वर्गीय स्वरूपा, स्वर्गीय गौरीशंकर अग्रहरि, स्वर्गीय उमाशंकर अग्रहरि को सैकड़ों साल पहले बेच दिया था। उक्त आराजी नंबर 373 की जमीन पर अग्रहरि समाज सैकड़ों साल से मकान बनवाकर रह रहे है। इसके बावजूद एक रस्तोगी परिवार उक्त जमीन को कृषि भूमि बताकर अपना नाम चढ़वा लिए हैं, जबकि बालमकुंद रस्तोगी बीते दिनों अभिषेक अग्रहरि व रविंद्र गुप्ता को फोन पर कहा गया कि जिस मकान में रह रहे वह किराया पर दिया गया था, जिसको खाली कर दो या रुपया देकर रजिस्ट्री करा लो। इस पर दोनों परिवार सहित अन्य परिवार काफी चिंतित व परेशान हो गए है।
वहीं आराजी नंबर 374 में रामलीला मैदान महादेव मंदिर (ग्राम सभा) के नाम से दर्ज है। बावजूद रस्तोगी समाज उक्त जमीन को अपने पूर्वजों का बताया जाता है, जबकि इसी जमीन के लिए वर्ष 1972 में ग्राम सभा व हरिहर रस्तोगी से विवाद हुआ। इसमें वर्ष 1976 में न्यायालय ने यह फैसला दिया कि उक्त जमीन महादेव मंदिर (ग्राम सभा) की है।
इसलिए रामलीला जैसे होती चली आ रही है, वैसे ही रामलीला होती रहेगी। इस मौके पर रामलीला समिति अध्यक्ष हरिवंश उपाध्याय, लक्ष्मण प्रसाद, गणेश अग्रहरि, संजय मिश्रा, रविंद्र गुप्ता,अभिषेक अग्रहरि, बनवारी प्रसाद, महेश अग्रहरि, सुनील अग्रहरि, अशोक अग्रहरि, विनय गुप्ता आदि रहे।
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