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रविकांत सोनकर का सैनिक स्कूल में हो गया सेलेक्शन, लोग दे रहे हैं बधाई

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में कहते हैं कि बसंत में नए पत्ते आने से पहले पतझड़ होती है और फिर नए पत्ते आ जाते हैं.. ठीक उसी प्रकार जीवन में असफलता के बाद सफलता जरूर मिलती है, अंधेरे के बाद प्रकाश अवश्य होता है। ये कथन प्रतिदिन कक्षा में दुहराने वाले शिक्षक विजय मौर्या का। उनकी इसी
 
रविकांत सोनकर का सैनिक स्कूल में हो गया सेलेक्शन, लोग दे रहे हैं बधाई

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चंदौली जिले में कहते हैं कि बसंत में नए पत्ते आने से पहले पतझड़ होती है और फिर नए पत्ते आ जाते हैं.. ठीक उसी प्रकार जीवन में असफलता के बाद सफलता जरूर मिलती है, अंधेरे के बाद प्रकाश अवश्य होता है। ये कथन प्रतिदिन कक्षा में दुहराने वाले शिक्षक विजय मौर्या का। उनकी इसी सोच से एक साधारण शिष्य ने प्रथम प्रयास में उनका और माता पिता का सर फक्र से ऊँचा कर दिया है।

रविकांत सोनकर का सैनिक स्कूल में हो गया सेलेक्शन, लोग दे रहे हैं बधाई

सुरतापुर गांव के साधारण से किसान परिवार में जन्मे रविकांत सोनकर ने आल इंडिया सैनिक स्कूल मैनपुरी में छठी कक्षा में प्रवेश लेने वाला जनपद का प्रथम छात्र बना है। पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे रवि के पिता लालमन सोनकर पेशे से सब्जी विक्रेता हैं। रवि की प्राथमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर सुरतापुर में हुई। आठ वर्ष की उम्र में अंग्रेजी ट्यूशन के लिए इनकी मुलाकात जॉब्स कंप्यूटर चहनियां के प्रबंधक पवन कुमार मौर्या से हुई, उन्होंने छात्र की लगन, कुशाग्र बुद्धि, आत्मसमर्पण देखते हुए बच्चे का दाखिला एक्सीलेंट पब्लिक स्कूल डेढ़गांवा में कराया।

रविकांत सोनकर का सैनिक स्कूल में हो गया सेलेक्शन, लोग दे रहे हैं बधाई

पिता ने घर की माली हालत ख़राब होने के बावजूद भी रवि की शिक्षा में रुकावटें नहीं आने दी। गुरुजनों और माता पिता के विश्वास को सही साबित करने के लिए रवि प्रतिदिन सोलह घंटे पढाई करता रहा। प्रबंधक राकेश कुमार यादव कहते है मुझे रवि जैसे छात्र पर गर्व है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी काबिलियत और कलम के भरोसे पर रास्ता स्वयं तय करते हैं।

रविकांत सोनकर का सैनिक स्कूल में हो गया सेलेक्शन, लोग दे रहे हैं बधाई

आज रवि के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। प्रेससवार्ता में रवि ने बताया कि वह भविष्य में लेफ्टिनेंट कर्नल बनना चाहता है। यह प्रेरणा बचपन से चाचा रामप्रवेश से मिली है।

माता मीरा देवी कहती है बेटा जब तक आफिसर नहीं बन जाता हम पढ़ाएंगे।

ग्राम प्रधान मुख़्तार अली ने भविष्य में हर संभव मदद करने की बात कह रहे हैं।

वहीं इसके चाचा-चाची भी भतीजे की सफलता से गदगद हैं।

सम्मान समारोह गोष्ठी में जिले के दिव्यांग आइकन राकेश यादव रौशन, रामप्रवेश सोनकर, चन्द्रभानु कुशवाहा, रामप्रकाश, रामविलाश, रामखेलावन, प्रियंका सोनकर, मोनी, डॉ राजेश निषाद, अनिल गुप्ता, छोटेलाल पांडेय, मनोज यादव सहित परिवार के सदस्य उपस्थित थे।

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