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RTI कार्यकर्ता दीपेश सिंह का दावा, भ्रष्टाचार का अड्डा बना सकलडीहा ब्लॉक

एक आरटीआई कार्यकर्ता ने सकलडीहा विकासखंड के भ्रष्टाचार की पोल खोलने का जिम्मा ले रखा है। इस आईटीआई कार्यकर्ता दीपेश सिंह द्वारा 50 प्रार्थना पत्र सूचना के अधिकार के तहत जमा किए गए हैं, ताकि गांवों में विकास के नाम पर हो रहे खेल को उजागर किया जा सके।
 

सकलडीहा विकासखंड के  50 गांवों की मांगी जानकारी

एक बार फिर से RTI में मांगी है सूचना

कंप्यूटर की खरीद में हुआ है खेल

अब खुलेगी सबकी पोल 

 

चंदौली जिले में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने सकलडीहा विकासखंड के भ्रष्टाचार की पोल खोलने का जिम्मा ले रखा है। इस आईटीआई कार्यकर्ता दीपेश सिंह द्वारा 50 प्रार्थना पत्र सूचना के अधिकार के तहत जमा किए गए हैं, ताकि गांवों में विकास के नाम पर हो रहे खेल को उजागर किया जा सके। दीपेश सिंह ने खंड विकास अधिकारी कार्यालय के माध्यम से 50 ग्राम सभाओं में पंचायत भवन या सचिवालय पर लगाए गए कंप्यूटर प्रिंटर और यूपीएस के संबंध में सूचनाएं मांग कर विभाग में हड़कंप मचा दिया है। 


 दीपेश सिंह का आरोप है कि स्थानीय वेंडर द्वारा ब्रांड के नाम पर फर्जीवाड़ा करते हुए फर्जी स्टिकर लगाकर लोकल सामग्री सप्लाई की गयी है, जो न तो सरकार के मानक के अनुसार है और न ही नियमों के आधीन। उस मानक के अंतर्गत कंप्यूटर, प्रिंटर तथा यूपीएस लगाने में ग्राम प्रधान और सचिव को कमीशन नहीं दिया जा सकता। इसलिए उस धनराशि में ही लोकल कंप्यूटर प्रिंटर और यूपीएस फर्जी तरीके से ब्रांड नेम लगाकर सप्लाई कर दिए गए हैं।


इस तरह के खेल में शामिल लोगों की पोल खोलने के लिए जुटे दीपेश सिंह कहते हैं की तमाम ग्राम सभाओं ने सकलडीहा विकासखंड के क्षेत्र पंचायत प्रमुख के पुत्र की फार्म से कंप्यूटर खरीदे हैं, जो कि शासनादेश के विरुद्ध है। इन सारी चीजों की पुष्टि के लिए यह सूचना मांगी गई हैं ।


दीपेश सिंह ने कहा की सूचनाओं के प्राप्त होने के बाद फर्जीवाड़ा सबके सामने आ जाएगा और निश्चित रूप से किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। दीपेश सिंह का दावा है कि कुछ अधिकारियों व सत्तापक्ष के नेताओं के संरक्षण में सकलडीहा ब्लॉक भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। सकलडीहा विकासखंड में हो रहे भ्रष्टाचार पर लागातार काम करते रहेंगे और सरकारी धन को लूटने वालों की पोल खोलते रहेंगे।

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