381 सकलडीहा विधानसभा : एक चूक से भाजपा के हाथ से एक बार फिर फिसल सकती है सीट, ऐसा है समर्थकों का दावा
381 सकलडीहा विधानसभा
एक चूक से भाजपा के हाथ से एक बार फिर फिसल सकती है सीट
ऐसा है समर्थकों का दावा
ब्राह्मण वोटों को समेटने में सफल रहेंगे सूर्यमुनी
5 साल की मेहनत का मिलेगा फल
जीतने वाले उम्मीदवार को ही वोट देंगे ब्राह्मण
चंदौली जिले की सकलडीहा विधानसभा सीट में भारतीय जनता पार्टी के दावेदारों के बीच से सटीक उम्मीदवार छांटने में अगर भाजपा से चूक हुयी तो अबकी बार भाजपा एक बार फिर यह सीट जीतने से चूक सकती है। रामलहर, मोदी लहर के दौरान भाजपा के नेता सिर्फ इसलिए यह सीट जीतने में असफल रहे, क्योंकि चुनाव हारने के बाद न तो कोई नेता पांच साल मेहनत और न ही यहां के लोगों को अपना समझा। लेकिन सूर्यमुनि तिवारी पांच सालों से निरंतर जनता के बीच बने रहे। इसीलिए वह सबसे तगड़े दावेदार महसूस किए जा रहे हैं।
कुछ लोगों के द्वारा जानबूझकर यह अफवाह फैलायी जा रही है कि हारे हुए भाजपा प्रत्याशी पर भाजपा के नेता दोबारा दाव नहीं आजमाएंगे, लेकिन वाकई में ऐसा हुआ तो भाजपा की वही स्थिति होगी जो इसके पहले के चुनावों में होती रही है। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा किसी दिग्गज या बाहरी व्यक्ति को लड़ाने के सवाल पर लोगों की तरह तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं और माना जा रहा है कि अगर भारतीय जनता पार्टी पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रहे सूर्यमुनी तिवारी का टिकट काटती है तो इसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को भी भुगतना पड़ेगा, क्योंकि सूर्यमुनी तिवारी ने चुनाव हारने के बाद भी अपने विधानसभा क्षेत्र में विधायकों के बराबर ही मेहनत की है और उन्हें जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
बसपा नहीं काट पाएगी वोट
कुछ पार्टी के नेताओं में ऐसी चर्चा है कि बहुजन समाज पार्टी के द्वारा ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने की चर्चा के बाद समाजवादी पार्टी को टक्कर देने के लिए भारतीय जनता पार्टी अबकी बार किसी नए चेहरे को तलाशने की फिराक में है और यह भी संभावना जताई जा रही है कि भाजपा के नेता किसी पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार सकती हैं या किसी ऐसे भारी-भरकम उम्मीदवार को उतारने की योजना बना रही है, जो समाजवादी पार्टी के हाथ से यह सीट छीन सके। ऐसे में कुछ लोग सूर्यमुनी की दावेदारी को कमजोर आंक रहे हैं, लेकिन लोगों को जवाब देने वाले पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर सूर्यमुनी तिवारी की उपेक्षा करते हुए किसी बाहरी या अन्य दावेदार को टिकट मिलता है तो हो सकता है कि भारतीय जनता पार्टी अबकी बार फिर यह सीट जीतने से वंचित रह जाए।
वहीं ब्राह्मण मतदाताओं का मानना है कि जय श्याम तिवारी ब्राह्मणों का केवल ऐसे ही ब्राह्मणों का वोट ले पाएंगे जो किसी निजी कारण से भाजपा या किसी और नेता से नाराज हों। बहुसंख्यक लोग भाजपा के साथ जाते दिखायी दे रहे हैं। कभी भी ब्राह्मण मतदाता ऐसे प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे, जो चुनाव जीतने की रेस में शामिल ही नहीं है।
ऐसा मिलता है फीडबैक
विधानसभा इलाके के डिघवट गांव के रहने वाले अमरजीत राजभर का कहना है कि सूर्यमुनी जिताऊ कंडीडेट हैं, जो इनको कमजोर बताने में लगे हैं, उन्हें न तो राजनीति की जानकारी है और न ही इलाके की पकड़। सूर्यमुनी के साथ परंपरागत भाजपा वोट के साथ साथ ब्राह्मण बहुतायत संख्या में साथ दे रहे हैं। हर दिन प्रचार प्रसार में उनको इसका फीडबैक मिलता रहता है।
वहीं विशुनपुरा गांव के कुमुद बिहारी सिंह का कहना है कि कुछ नए चुनावी मेढ़क जानबूझकर भाजपा के नेताओं के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। वह नहीं चाहते हैं कि सकलडीहा विधानसभा का भी इलाके का विकास हो। सूर्यमुनी तिवारी ने जिले के कई विधायकों से अधिक मेहनत करते हुए इलाके में अपनी जान पहचान के साथ जनाधार बनाया है। पार्टी को बहुत सोच समझकर फैसला लेना चाहिए।
पार्टी का हर फैसला मानने को तैयार
इस बारे में सूर्यमुनी तिवारी का कहना है कि वह भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में अपने विधानसभा क्षेत्र में पिछले 5 साल से ईमानदारी से मेहनत कर रहे हैं। यह पार्टी को तय करना है कि वह किसे विधानसभा चुनाव में उतारना चाहती है। पार्टी का जो भी दिशानिर्देश होगा उसका वह पालन करेंगे। उन्हें टिकट मिलेगा तो दमदार तरीके से चुनाव लड़ते हुए अबकी बार यह सीट भाजपा के खाते में डालने की कोशिश करेंगे और अगर किसी अन्य कैंडिडेट पर भाजपा भरोसा करती है तो पार्टी के द्वारा दी गयी अन्य जिम्मेदारी का निर्वहन किया जाएगा। वह पार्टी व संघ के ऐसा कार्यकर्ता हैं, उनके लिए आलाकमान व पार्टी का हर आदेश शिरोधार्य है।
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