हत्या के मामले में सपा नेताओं ने की पीड़ित परिवार की मदद, 50 हजार का सौंपा चेक
अजय प्रजापति हत्याकांड को लेकर गरमाई राजनीति
पीड़ितों से मिलने पहुंचा सपा का प्रतिनिधिमंडल
सौंपा 50 हजार का चेक
चंदौली जिले के धानापुर धीना थाना क्षेत्र के करजरा गांव निवासी अजय प्रसाद प्रजापति की हत्या को लेकर सूबे की राजनीति गरमा गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा का एक प्रतिनिधिमंडल आज पीड़ित परिवार के घर पहुंचा और सांसद बीरेंद्र सिंह ने अपने वेतन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में 50 हजार का चेक सौंपा। वहीं, कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पीड़ित परिवार से मिलने करजरा पहुंचेगा।
इसके साथ ही साथ चंदौली लोकसभा के बसपा के पूर्व उम्मीदवार सत्येंद्र मौर्य ने मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की। फरार आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी के लिए भाकपा-माले, राष्ट्रीय समता पार्टी (बीपी), जन भागीदारी पार्टी और भागीदारी पार्टी (पी) ने दी आंदोलन की चेतावनी।
सांसद वीरेंद्र सिंह की अगुआई में सपा का प्रतिनिधिमंडल आज अजय प्रजापति हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने करजरा पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में सकलडीहा के विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव, जिलाध्यक्ष सत्यानारायण राजभर, पूर्व विधायक मनोज सिंह 'डब्लू', प्रवक्ता मनोज सिंह 'काका', प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मुसाफिर सिंह चौहान, जिला महासचिव नफीस अहमद, जिला सचिव संदीप प्रजापति, सपा (पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ) के जिलाध्यक्ष डॉ. विरेंद्र बिंद और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ट उत्तर प्रदेश के सदस्य बचाऊ प्रजापति शामिल थे। बता दें कि सपा प्रवक्ता मनोज सिंह 'काका' ने सोमवार को 'एक्स' पर अजय प्रसाद प्रजापति की हत्या का मामला प्रमुखता से उठाया था और दबंग अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।
वहीं, चंदौली लोकसभा से बसपा के पूर्व उम्मीदवार सत्येंद्र मौर्य भी पीड़ित परिवार से मिलने करजरा पहुंचे। भास्कर.कॉम से बात करते हुए उन्होंने मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की। साथ ही उन्होंने मामले में फरार आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग भी रखी। राष्ट्रीय समता पार्टी (बीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन राजकुमार भी आज पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने पीड़ितों की आर्थिक मदद उपलब्ध कराने और फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए आंदोलन करने का आश्वासन दिया। गुरुवार को भाकपा-माले का एक प्रतिनिधिमंडल श्रवण मौर्य के नेतृत्व में पीड़ित परिवार से मिला था। उन्होंने कहा कि भाकपा-माले पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए जल्द ही सड़क पर उतरेगा।
प्रदेश कांग्रेस का एक 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पीड़ितों से मिलने करजरा गांव जाएगा जिसमें प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह, महासचिव सरिता पटेल, देवेंद्र प्रताप सिंह, सचिव जितेंद्र पासवान, राहुल राय प्रजापति, प्रवक्ता राहुल राजभर, जिलाध्यक्ष धर्मेद्र तिवारी आदि लोग शामिल रहेंगे।
बता दें कि गत 6 जुलाई की सुबह अजय प्रसाद प्रजापति अपनी निजी भूमि पर चहारदीवारी की निर्माण करा रहे थे। आरोपों के मुताबिक, उसी समय गांव के नरेंद्र सिंह और उनके दो बेटे आशीष सिंह और अभिषेक सिंह ने उनके पास पहुंचे और उनकी निजी भूमि पर रास्ता छोड़ने की मांग करने लगे। उन्होंने मना किया तो वे उन्हें गाली-गलौज करते हुए मारने-पीटने लगे। इस दौरान अभिषेक सिंह ने फावड़े से उनके सिर पर प्रहार कर दिया जिससे वे मौके पर ही गिर पड़े। उनके सिर से भारी मात्रा में खून बहने लगा और वे बेहोश हो गए। परिजनों ने गंभीर रूप से घायल अजय प्रसाद को इलाज के लिए बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। जहां रविवार की सुबह उनकी मौत हो गई। मामले में धीना थाना पुलिस ने अजय प्रसाद के भतीजे आदर्श की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा-109, 110, 115(2), 351 (2) और 352 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
बाद में मृतक के भाई शम्भू नाथ की लिखित सूचना के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी में भारतीय न्याय संहिता की धारा-103(1) बढ़ाई थी। अजय प्रसाद प्रजापति की हत्या की सूचना सामने आते ही जन भागीदारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र कुमार प्रजापति और भागीदारी पार्टी (पी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रजापति के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कुम्हारों ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर हत्यारों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की थी। साथ ही जिला प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो एक सप्ताह बाद वे हजारों की संख्या में आंदोलन करेंगे।
धीना थाना पुलिस ने बुधवार को मामले में मुख्य आरोपी नरेंद्र सिंह और उसके बेटे अभिषेक सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और जेल भेज दिया। मामले में नामजद आरोपी आशीष सिंह उर्फ विनायक अभी भी फरार है।
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