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कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से मुगलसराय में किन्नर जीता, चंदौली में भी हारी भाजपा : सौरभ कुमार पांडेय

अभी भी समय अगर भारतीय जनता पार्टी इस बात पर ध्यान नहीं  देती है तो चंदौली कि लोकसभा की सीट इस बार आसान नहीं होगी। पांडेय जी के लिए चंदौली में इस समय सभी पार्टी जाती में बंट गयी हैं।

 

उपेक्षित कार्यकर्ताओं ने दिखाया बीजेपी के नेताओं को आईना

किन्नर को बना दिया नगर पालिका का चेयरमैन

चंदौली में भी निर्दल को किया बैक-सपोर्ट

उत्तर प्रदेश के नगर पंचायत नगर निगम के चुनाव में चंदौली जिले में कुछ अलग ही देखने को मिला जहां दो विधायक और जनपद के सासंद व केन्द्र में भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी । फिर भी चुनाव हार गये ।

जिले में लोक जन शक्ति पार्टी रामबिलास ( छात्र प्रकोष्ठ ) प्रदेश सचिव सौरभ कुमार पांडेय ने सराय स्थित कार्यालय पर जनपद में नगरपालिका चुनाव को लेकर एक वार्ता के दौरान भाजपा नेताओं से मिले फीडबैक के आधार पर भाजपा की हार को देखते हुए अपनी बात रखी । 

 

उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार भी हुआ सारे समीकरण भी साधे गए तथाकथित पार्टी के पदाधिकारी जो अपने आप सिपहसालार भी समझते हैं । वो ये नही समझ पाए कि अगर कार्यकर्ताओं का मजाक बनाया जाएगा ,उनको सिर्फ आप झंडा और दरी बिछाने तक ही समझते हैं तो आप की यही दुर्दशा होगी क्योंकि कार्यकर्ता रीढ़ की हड्डी होते हैं । चाहे वह किसी भी पार्टी के हों । वह अपने कार्य को बड़ी ईमानदारी से करता है ।

 

अभी भी समय अगर भारतीय जनता पार्टी इस बात पर ध्यान नहीं  देती है तो चंदौली कि लोकसभा की सीट इस बार आसान नहीं होगी। पांडेय जी के लिए चंदौली में इस समय सभी पार्टी जाती में बंट गयी हैं। अगर हमारे जात के व्यक्ति को टिकट मिलता है तो हम सिर्फ अपने जात के दावेदार के साथ घूमेंगे । उसी को सपोर्ट करेंगे जिसका नतीजा यह हुआ कि चंदौली के बीजेपी के कद्दावर नेताओ में शुमार ओमप्रकाश सिंह चुनाव निर्दल प्रत्याशी से हार जाते हैं । मुग़लसराय में एक किन्नर की जीत हो जाती जो निर्दल चुनाव लड़ता है। कहीं न कहीं यह स्पष्ट है कि बीजेपी के नेताओ से स्थानीय मुद्दों पर कोई कार्य नहीं हो रहा है और न ही वो जनता से अपना जुड़ाव बना पा रहे हैं।

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