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दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन, सभी का संयोजक डॉ दयाशंकर सिंह ने जताया आभार

प्राचार्य प्रोफेसर प्रदीप कुमार पांडेय ने अपने अध्यक्ष की उद्बोधन में देश प्रदेश के विश्वविद्यालय से पधारे समाजशास्त्रीय अन्वेषकों का हवन किया कि आज देश युवा देश के नाम से जाना जा रहा है।
 

भारतीय समाज में डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रभाव

कई विद्वानों ने रखे अपने विचार

180 से ज्यादा स्कॉलर जुड़े रहे ऑनलाइन

चंदौली जिले के सकलडीहा पीजी कॉलेज सकलडीहा चंदौली में ICSSR द्वारा भारतीय समाज में डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रभाव:-चुनौतियां एवं संभावनाएं के समापन सत्र में आज मुख्य अतिथि डॉक्टर एसपी पांडेय निदेशक पार्श्वनाथ विद्यापीठ वाराणसी रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर पीके मिश्रा आईपीएस एवं करनाल नंदलाल सिंह यादव, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी एवं अतिथि श्री जगदीश उपाध्याय, केंद्रीय सेवानिवृत प्रोफेसर रजनीश कुमार रहे। गोष्ठी के अध्यक्ष प्राचार्य प्रोफेसर प्रदीप कुमार पांडेय सहित तमाम विद्वानों की व्याख्यान मालाओं के साथ सकुशल संपन्न हुआ।

मुख्य अतिथि डॉक्टर एसपी पांडेय ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी हमराह है, हमराही नहीं। सूचना प्रौद्योगिकी नीतियों में अस्पृश्यता ढांचागत कठिनाइयों के चलते महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के मामले में अनेक चुनौतियां हैं और यह संगोष्ठी में आए समाजशास्त्री विद्वानों के विचार  इसके हल को ढूंढती है।

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विशिष्ट अतिथि आईपीएस प्रोफेसर पीके मिश्रा ने कहा कि आज डिजिटल इंडिया का सबसे बड़ा लाभ यह है कि शिक्षा चिकित्सा सुरक्षा व्यवसाय कुकुशल और उत्पादक बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है। वहीं अतिथिवक्ता करनल नंदलाल सिंह यादव जिला सैनिक कल्याण अधिकारी निकाह की डिजिटल प्रौद्योगिकी हजार लोगों की एक दवा है। यदि  शिक्षाविद, समाजशास्त्री, वैज्ञानिक इसके प्रभाव और दुष्प्रभाव के प्रति समाज में जागरूकता लाते हैं । तो यह एक स्वस्थ परंपरा को जन्म देगी। आज इसका दुरुपयोग युवाओं को कई विकृति भी दे रही है। जिससे सचेस्ट रहने की आवश्यकता है। महान समाजसेवी जगदीश उपाध्याय केंद्रीय सेवा से निवृत ने युवा छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि देश की सुरक्षा अपने से पहले।

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आज डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत लाभान्वित हो रहा है। इससे शिक्षा चिकित्सा सुरक्षा व्यवसाय को कुशल और उत्पादक बनाने में मदद मिल रही है।

प्राचार्य प्रोफेसर प्रदीप कुमार पांडेय ने अपने अध्यक्ष की उद्बोधन में देश प्रदेश के विश्वविद्यालय से पधारे समाजशास्त्रीय अन्वेषकों का हवन किया कि आज देश युवा देश के नाम से जाना जा रहा है। ऐसे में भारत का युवा इस तकनीक का भलीभांति  प्रयोग करके देश को पहली पंक्ति में खड़ा कर सकता है। परंतु यह भी विचारणीय है कि इसका सरल एवं समाज को विकृत करने वाले तमाम ऐप को तकनीक के माध्यम से ही रोका जा सकता है।

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आज डिजिटाइजेशन श्री समाज में विकर्षण भी पैदा हो रहा है। यह इस तकनीक एवं विज्ञान के लिए एक चिंता का विषय है। अतः विषय विशेषज्ञों को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। गोष्ठी संयोजक डॉ दया शंकर सिंह यादव ने बताया कि इस राष्ट्रीय सेमिनार में देश प्रदेश की विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय से कुल पांच सौ से अधिक विद्वान प्राध्यापक एवं स्कॉलर छात्र रजिस्टर्ड हुए थे। विपरीत मौसम में आकांक्षी जिला जनपद चंदौली के ग्रामीण क्षेत्र के महाविद्यालय के लिए यह चुनौती भरा था। परंतु इस वैश्विक विषय पर अपना सहयोग एवं सहभागिता प्रदान करने वाले सभी छात्र एवं विद्वान बधाई के पात्र हैं। यह भी बताया कि करीब 180 से ज्यादा स्कॉलर इस सेमिनार से ऑनलाइन जुटे थे। यह उपलब्धि इस समसामयिक विषय को और महत्वपूर्ण बना देती है।

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 कार्यक्रम का संचालन  यज्ञनाथ पांडेय जी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन सचिव डॉ श्याम लाल यादव जी ने किया। आज की व्याख्यान माला में प्रमुख रूप से प्रोफेसर पीके सिंह, प्रोफेसर इंद्रदेव सिंह, डॉ राजेश यादव, डॉ संदीप सिंह, डॉ योगेन्द्र तिवारी, डॉ सीता मिश्रा, डॉ रीता वर्मा, डॉक्टर वंदना वर्मा, डॉ अभय कुमार वर्मा, डॉ इंद्रजीत सिंह, श्री अजय कुमार यादव, पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ समीम राईन, प्रोफेसर एमपी सिंह, डॉ अजय यादव, श्री अरुण प्रकाश पाठक, डॉ अनिल तिवारी आदि उपस्थित रहे।
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 प्राचार्य ने गोष्ठी के सकुशल संपन्न होने पर अपनी ओर से पधारे सभी समस्त अतिथिगण गोष्ठी संयोजक डॉ दयाशंकर सिंह यादव सहित उपस्थित प्राध्यापक बंधु आगंतुक छात्र छात्राओं तथा सहयोगी कर्मचारी का विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही बताया कि इस प्रकार का सेमिनार आगामी समय में महाविद्यालय कराने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

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