तहसीलदार ने पेश की मानवता की मिसाल, तहसीलदार विकास धर दुबे ने ऐसे की घायल महिला की मदद
घायल महिला को भेजा अस्पताल
छोटी बच्ची को गोद में दुलारा
तहसीलदार विकासधर दुबे ने ऐसे की घायल महिला की मदद
चंदौली जिले में सकलडीहा के तहसीलदार ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए पीड़ित की मदद की और उसके बच्चे को दुलाकर चुप कराने की कोशिश की। सकलडीहा तहसीलदार की इस पहल की इलाके में चर्चा होती रही।
आम जनमानस की अवधारणा होती है कि सरकारी अधिकारी आम जनमानस की समस्याओं को लेकर लापरवाह रहते हैं, लेकिन सकलडीहा तहसीलदार ने मानवता की मिसाल पेश कर इस अवधारणा को बदलने का कार्य किया है।

जानकारी के अनुसार आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बलुआ में बाढ़ आपदा को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें सम्मिलित होने के लिए तहसीलदार सकलडीहा विकास धर जा रहे थे कि चंदौली सैदपुर मार्ग पर मथेला के समीप कुछ लोगों की भीड़ इकट्ठा दिखाई दी, जिस पर तहसीलदार ने अपनी गाड़ी को घुमाकर घटनास्थल पर पहुंचे। जानकारी लेने पर पता चला कि बाइक सवार बरठी निवासिनी महिला गिरकर बदहवास स्थिति में पड़ी हुई हैं, जिस पर तत्काल तहसीलदार द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर घायल महिला को एंबुलेंस के माध्यम से भर्ती कराया गया। महिला के साथ 3 वर्ष की बालिका का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था, उसको अपनी गोद में लेकर तहसीलदार ने दुलार प्यार करते हुए चुप कराने की कोशिश की।

आसपास के लोगों ने इस कार्य को लेकर तहसीलदार की खूब सराहना की। वहीं सामुदायिक केंद्र पहुंच महिला से कुशलक्षेम पूछते हुए परिवार को सूचना दी तथा महिला को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
गौरतलब हो कि सकलडीहा तहसील तैनात तहसीलदार विकास धर दुबे विभागीय कार्यों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर रुचि देते हैं। शायद इसी कार्यशैली को लेकर पूरे जनपद में जाने जाते हैं। चाहे वह किसी गरीब परिवार की मदद हो, चाहे वह किसी बालिका को शिक्षा के क्षेत्र में आ रही समस्या को दूर करने का कार्य हो अपनी बातचीत में तहसीलदार विकास धर दुबे ने बताया कि विभागीय कर्तव्यों के साथ साथ सामाजिक कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए, जिससे समाज और देश को एक नई दिशा मिल सके।
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