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वित्तविहीन शिक्षक परीक्षा ड्यूटी में काली पट्टी बांधकर करें कार्य, राजेन्द्र प्रताप सिंह ने सरकार को ललकारा

ये सही है कि सनातन धर्म को बढ़ावा मिले, देश में एकता का मिशाल कायम हो। सरकार इन कार्यों के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन हम वित्तविहीन शिक्षकों पर भी ध्यान दे।
 

वित्तविहीन शिक्षकों लड़नी होगी अपनी लड़ाई

अपने हक व अधिकार की लड़ाई के लिए करते रहें संघर्ष

बात न बने तो सड़क पर उतरने के लिए रहें तैयार

चंदौली जिले के चहनियां में वित्तविहीन शिक्षक अपने हक व अधिकार की लड़ाई लड़ते लड़ते अब मायूस हो चुके हैं। इसलिए सरकार के प्रति गुस्से में हैं।  वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र प्रताप सिंह ने पत्रकारों को वार्ता के दौरान कहा कि इस गूंगी और बहरी सरकार अपनी सेवा नियमावली एवं सुरक्षा पर सुनने को तैयार नहीं है।

 वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे वित्तविहीन शिक्षकों को अब अपने हक की लड़ाई खुद लड़ेंगे। काली पट्टी बांधकर वित्तविहीन शिक्षकों से परीक्षा ड्यूटी करने की अपील किया।

शिक्षक नेता ने कहा कि वित्तविहीन शिक्षक सरकारी शिक्षकों से भी ज्यादा मेहनत करते हैं, जबकि ये बात सरकार भी जानती है। वित्तविहीन शिक्षकों को सरकारी शिक्षक घोषित करने के लिए नहीं कहा जा रहा है, किन्तु सेवा नियमावली और सुरक्षा नहीं बनेगी, तब तक वित्तविहीन शिक्षकों का परिवार कैसे चलेगा। ये सही है कि सनातन धर्म को बढ़ावा मिले, देश में एकता का मिशाल कायम हो। सरकार इन कार्यों के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन हम वित्तविहीन शिक्षकों पर भी ध्यान दे।

नेता ने कहा कि शासन के आदेश का पालन प्रशासन के लोग कितना कर रहे है ये सभी जानते हैं। अपनी सेवा सुरक्षा एवं नियमावली बनवाने के लिए अब हम सबको कार्य के साथ काली पट्टी बांधकर शासन और प्रशासन को दिखाना है। असली ताकत चुनाव में वित्तविहीन शिक्षक दिखायेंगे। काली पट्टी बांधकर परीक्षा में ड्यूटी करना है। जब तक सेवा नियमावली एवं सुरक्षा नही बनेगी तब तक मानदेय नहीं बनेगा और मानदेय तब तक ये लोग नही देंगे जब तक शिक्षक सड़क पर नही उतरेंगे। इस मौके पर साथ में जिलाध्यक्ष सन्तोष गुप्ता भी उपस्थित रहे ।

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