गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पर पहुंचा, गांवों में घुसा पानी, प्रशासन अलर्ट मोड में
सैकड़ों एकड़ फसल डूबने की कगार पर
17 राहत शिविरों की स्थापना
ग्राम स्तर की निगरानी समितियां सक्रिय
तहसील व ब्लॉक के अधिकारियों की निगरानी जारी
चंदौली जिले में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता हुआ चेतावनी बिंदु पर पहुंच गया है, जिससे तटीय गांवों में दहशत और बेचैनी का माहौल है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, जिससे हालात और भी चिंताजनक हो गए हैं।

गांवों में घुसा गंगा का पानी
गंगा का पानी अब घाटों से होते हुए रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर चुका है। नियामताबाद, चहनियां, सकलडीहा और धानापुर विकास खंड के लगभग दो दर्जन से अधिक गांव इसकी चपेट में आ गए हैं। ग्रामीणों और किसानों को बाढ़ की आशंका ने बेचैन कर दिया है।
खेतों में जलभराव, फसलें बर्बादी के कगार पर
बाढ़ के कारण सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें जलमग्न होने की कगार पर हैं। इससे किसानों के सामने भोजन व पशु चारे की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। साथ ही जलभराव के कारण संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। गंगा कटान से कई एकड़ उपजाऊ भूमि भी बह गई है, जिससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
प्रशासन ने राहत कार्य तेज किए
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने पूरे प्रशासन को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि जिले में 17 बाढ़ राहत चौकियों (शरणालयों) की स्थापना की गई है, ताकि समय से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।
स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग को भी सक्रिय किया गया
संभावित संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को भी सतर्क किया गया है। साथ ही राहत शिविरों में पशुओं के लिए पर्याप्त चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्राम निगरानी समितियां सक्रिय, अधिकारियों की निगरानी जारी
प्रशासन ने ग्राम निगरानी समितियों को सक्रिय कर दिया है, ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके। सकलडीहा और मुगलसराय के उपजिलाधिकारी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का लगातार भ्रमण कर हालात की निगरानी कर रहे हैं।

पूर्व तैयारी से जनहानि रोकने की कोशिश
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जो लोग बाढ़ से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकते हैं, उन्हें पहले ही राहत शिविरों में स्थानांतरित करने की योजना पर काम हो रहा है। प्रशासन का लक्ष्य है कि किसी भी सूरत में जनहानि न होने पाए। गंगा के बढ़ते जलस्तर ने प्रशासन और ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि तत्काल राहत व बचाव कार्य प्रशासन द्वारा शुरू कर दिया गया है, लेकिन हालात पर कड़ी निगरानी बनाए रखना जरूरी है।
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